यह उत्सव प्रेम और सदभाव का है…..

करियर
आज कल हिंदी साहित्य जगत में युवा उर्जा से भरपूर एक कवि की रचनाओं ने धूम मचा रखी है जिनका नाम है सुयश कुमार द्विवेदी…. इनकी ओजेस्वी और प्रेरणादायक कवितायेँ जहाँ हृदयविदारक है वहीँ कहीं न कहीं आम जनमानस से खुद को जोड़ने का प्रयास भी करती है, आईये रुबरु होतें है इनकी कृतियों से –

मन के मैल मिटाकर आओ
प्रेम रंग से तर जाएं,
पावन पर्व की इस बेला पर
हम भी थोड़ा सुधर जाएं।

यह पर्व प्रेम,सद्भाव का है,
प्रेम का सबमें अभाव सा है,
सब मिल के प्रेम बहाव करें
जग में निज प्रेम प्रभाव करें,

नफरत,ईर्ष्या टूट टूट कर
सबके हृदय से बिखर जाएं
पावन पर्व की इस बेला पर
हम भी थोडा सुधर जाएं।

ईश्वर की प्रिय रचना है हम
हम पर ही निर्भर है ये धरा,
जिस हृदय में करुणा,प्रेम नही
इंसान वो ना जीवित, वो है मरा

दया,करुणा,प्रेम जीवन में हो
मर कर भी होकर अमर जाएं,
पावन पर्व की इस बेला पर
हम भी थोड़ा सुधर जाएं।

सुयश कुमार द्विवेदी
अधीन सहायक लोक अभियोजन अधिकारी
गृह विभाग, दिल्ली सरकार