#MeToo: “बाबू जी” को इस वजह से मिली न्यायालय से जमानत

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मनोरंजन(जनमत): हिंदी सिनेमाजगत के मशहूर “बाबू जी”  (आलोक नाथ ) पर एक समय की  टेलीविजन की जानी मानी प्रोड्यूसर और लेखिका विंटा नंदा दुष्कर्म का आरोप लगाया था जिस मामले में उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा और अपनी आपबीती  लोगो को बताई| मुंबई की ओशिवारा पुलिस ने राइटर विंता नंदा की शिकायत के आधार पर आलोक नाथ के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कर लिया था।

वही सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभिनेता आलोक नाथ को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई है। जमानत की घोषणा करते हुए, न्यायालय ने कहा कि विनता नंदा ने ‘अपने फायदे के लिए हादसा के तुरंत बाद रिपोर्ट रजिस्टर्ड नहीं कराई थी।’ न्यायालय ने साथ में यह भी कहा है कि, इस संभावना से भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि आलोक नाथ को इस आरोप में जबरजस्ती फंसाया जा रहा है।’

न्यायालय ने कहा है कि, आलोक नाथ पर आरोप लगाने वाली महिला ने उनके विरुद्ध तुरंत एफआईआर दर्ज नहीं कराई थी, ऐसे में आरोपों का प्रारूप परिवर्तन का भी खतरा है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि, शिकायतकर्ता ने एफआईआर में देरी की वजह बताई कि वह अपने दोस्तों से इस संबंध में सलाह ले रही थीं, ‘उनके दोस्तों ने कहा था कि आलोकनाथ बहुत पहुंच वाले व्यक्ति हैं ऐसे में उनके खिलाफ शिकायत करना आसान नहीं होगा।’

वही न्यायालय ने आलोक नाथ के वकील द्वारा दी गई तर्क को ध्यान में रखा, जिसमें  ये कहा गया कि नंदा ने जो परिवाद दायर की थी उसमें कई असंगतताएँ थीं।  न्यायालय ने कहा कि नंदा को ‘पूरी घटना याद है लेकिन उन्हें घटना की दिनांक और माह याद नहीं था।’ इसलिए, न्यायालय ने ये नतीजे निकाला कि “संभावना है कि आलोक नाथ पर क्राइम का झूठा आरोप लगाया जा रहा हो।’

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