खूबसूरती की मिसाल थी ये अदाकारा…

मनोरंजन व्यक्त्ति-विशेष

व्यक्ति विशेष(जनमत) : जहाँ एक ओर पूरी दुनिया 14 फरवरी के दिन मोहोबत्त और दोस्ती की याड में मनाती है वहीँ दूसरी ओर इसी दिन एक ऐसी अभिनेत्री का जन्मदिन भी पड़ता है जिनकी खूबसूरती के चर्चे देश ही नहीं बल्कि विदेशो तक गुलजार थें| बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियाँ आयी और गयीं … लेकिन कुछ अपनी छाप छोड़ गयी… उन्ही में से एक है अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा मधुबाला… वहीँ जहाँ मधुबाला ने कई सालो तक इंडस्ट्री पर राज किया वहीँ दूसरी ओर उनकी प्रेम कहानी के चर्चो ने भी ख़ास सुर्खियाँ बटोरी| अभिनेता दिलीप कुमार के साथ उनकी मोहोबत्त के किस्सों तो लोगो के जुबांन पर थें| वहीँ अपनी बेहतरीन अदाकारी से भी उन्होंने लोगो के दिलो पर राज किया इसी के चलते उन्हें आज भी बड़े अदब से याद किया जाता है|

हिन्दी सिनेमा के लिए मधुबाला उन नामो में सुमार हैं जिन्होंने हिन्दी सिनेमा को सवारने में एक अहम् भूमिका निभाई थी फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ में अनारकली का रोल बहुत ही बेखुभी निभाया था| बाद में वो लोगो की निगाहों में अनारकली के रूप में बस गई| इस डूडल में गूगल ने मधुबाला को अनारकली के रुप में ही दिखाया है। मधुबाला की जिंदगी में कईं उतार-चढ़ावों  से गुजरी। 14 फरवरी यानि वेलेंटाइंस डे के दिन जन्मी मधुबाला की जिंदगी का सफर मुमताज के रुप में शुरू हुआ लेकिन मधुबाला के रुप में खत्म हुआ। चेहरे की नजाकत उनकी प्रमुख विशेषता थी। मधुबाला बचपन से ही एक सफल अभिनेत्री बनना चाहती थीं। उनका ये सपना तब पूरा हुआ जब उन्हें पहली बार 1942 में फिल्म ‘बसंत’ से इंडस्ट्री में अपने कदम रखने का मौका मिला।

इस फिल्म में उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। जानी मानी अभिनेत्री देविका रानी उनके अभिनय से इतना प्रभावित हुईं की ‘मुमताज जेहान देहलवी’ को अपना नाम बदल कर ‘मधुबाला’ रखने को कह दिया। साल 1947 में आई फिल्म ‘नील कमल’ मुमताज नाम से उनकी आखिरी फिल्म थी। इस फिल्म में सिर्फ 14 साल की उम्र में ही राजकपूर के साथ उन्होंने काम किया था। इस फिल्म के बाद उन्होंने अपना नाम बदल लिया और फिल्मों में मधुबाला के नाम से मशहूर हुईं।

वैसे मधुबाला भले ही वेलेंटाइंस डे के दिन जन्मी हों लेकिन उनका प्यार अधूरा ही रहा। जब फिल्मी सितारों के प्यार की चर्चा होती है तो मुधबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी भला कोई कैसे भूल सकता है। इस प्रेम कहानी की शुरूआत 1957 में फिल्म तराना से शुरू हुई। दिलीप कुमार और मधुबाला पहली नजर में ही एक दूसरे के प्यार में गिरफ्तार हो गए। खास बात यह रही कि मोहब्बत का इजहार मधुबाला ने खुद किया। उन्होंने गुलाब के फूल के साथ एक चिट्ठी दिलीप कुमार को भिजवाई, जिसमें लिखा था अगर आप मुझसे मोहब्बत करते हैं तो यह गुलाब का फूल कबूल करें। दिलीप ने मुस्कुराते हुए वह फूल कबूल कर लिया।
Image result for madhubala

जहां मुधबाला और दिलीप कुमार के बीच प्यार गहरा हो रहा था वहीं दिलीप कुमार और मधुबाला के पिता के बीच दूरियां बढ़ गईं थीं। दिलीप ने मधुबाला को शादी करने के लिए प्रपोज किया तो मधुबाला ने झट से कहा की पहले मेरे पिता से मांफी मांगनी होगी। दिलीप ने मांफी मांगने से साफ मना कर दिया। इतना सब होने के बाद फिल्म ‘मुगल-ए-आजम’ की शूटिंग चल रही थी। फिल्म में एक सीन शूट करना था जिसमें दिलीप कुमार को मधुबाला के गालों पर थप्पड़ मारना था। शूट करते वक्त दिलीप कुमार ने मधुबाला को जोरदार तमाचा जड़ दिया। कहा जाता है उस वक्त ऐसा लगा की दिलीप सिर्फ सीन में ही नहीं असलियत में मधुबाला से खफा थे। आज उनके 86वें जन्मदिन पर गूगल एक स्पेशल डूडल के माध्यम से उन्हें याद कर रहा है|

ये भी पढ़े – मौसम के बदलते मिजाज से बढेगी ठंड..