पटरी पर ट्रेन गड्ढे में यात्री, मौज में महकमा

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अमेठी : अमेठी जिले के मुसाफिरखाना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को सुकून भरे सफर की बजाए दर्द और तकलीफ भरा अनुभव लेकर रेलवे परिसर से बाहर निकलना पड़ रहा है मुसाफिरखाना रेलवे स्टेशन में ट्रेन में चढ़ने व उतरने वाले यात्री प्लेटफार्म पर संभल कर कदम रख रहे हैं कारण है कि इस स्टेशन के प्लेटफार्म पर गड्ढे ही गड्ढे ऊपर से थोड़ी-थोड़ी दूर पर ठोकर लगकर उन्हें चोट खानी पड़ रही है यात्रियों ने बताया कि रेलवे अधिकारियों से मौखिक शिकायत कर व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की,लेकिन सुनवाई नहीं है जब यात्रियों ने जनमत न्यूज़ नेटवर्क को ये समस्या बताई तो जनमत न्यूज़ नेटवर्क की टीम ने प्लेटफार्म पर घूमकर गड्ढों की इस मामले की पड़ताल की तो पाया…..!

प्लेटफार्म नंबर दो पर गड्ढे-

मुसाफिरखाना के प्लेटफार्म नंबर दो कई बड़े गड्ढे पाए गए जिन्हें मेंटीनेंस का इंतजार है प्रतिदिन आने जाने वाले यात्रियो ने बताया कि यहां पर रोजाना कई यात्री गड्ढे में फंसकर घायल हो रहे हैं ।

कष्टदायी है रात का सफर-

एक यात्री ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या रात में होती है खासतौर पर जब वरुणा एक्सप्रेस लखनऊ से वाराणसी की ओर चलती है इस दौरान रात में कई बार यात्री तो चोटिल भी हो गए गौरतलब है कि इस रेलवे स्टेशन से होकर कई ट्रेने गुजरती है और सैकड़ो यात्री प्रतिदिन यहाँ से ट्रेनों में चढ़ते उतरते है ।

कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना

इस प्लेटफार्म पर चलना भी मुश्किल हो गया है कब नीचे गिर जाएंगे कोई नहीं जानता प्लेटफार्म का फर्श (इंटरलाकिंग) धंसता जा रहा जगह- जगह गड्ढे बनते जा रहे हैं कभी भी दुर्घटना हो सकती है महज कुछ ही महीने में बना प्लेटफार्म का इंटरलाकिंग धंसने लगा है यात्रियों को संभलकर ट्रेन में चढ़ना पड़ रहा है लोगों को सिर्फ सीट की चिंता रहती है वे नीचे तो देखते नहीं और चोटिल होते रहते है किसी से कुछ कहते भी नहीं आस पास के लोगो ने बताया कि बुजुर्ग, महिला और बच्चे तो यहाँ अक्सर गिरते रहते हैं ।

यात्री सुविधाओं में कटौती करना बड़ी लापरवाही

युवा समाज सेवी और नेता अतुल सिंह ने बताया कि यात्री टिकट लेकर ट्रेन में सफर करता है जो यात्री पूरे किराये का भुगतान कर रहा है रेलवे को उसे बुनियादी सुविधाएं देनी चाहिए, लेकिन मुसाफिरखाना स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में कटौती की जा रही है प्लेटफार्म की फर्श जगह जगह से उखड़ने के साथ ही गड्ढे होने लगे हैं दिन के उजाले से लेकर रात के अंधेरे में गुजरने वाले गड्ढों में गिरकर घायल हो रहे हैं दर्द दे रहे प्लेटफार्म का मेंटीनेंस न किया जाना जिम्मेदारों की लापरवाही को दर्शाता है।

कुछ बोलने से किया इनकार

वही जब इस मामले को लेकर स्टेशन मास्टर मुसाफिरखाना से बात की गई तो उन्होंने इस मामले पर कुछ भी बोलने से कतराते नजर आये ।