प्रकृति के कहर के आगे … ठहर गयीं हैं साँसे …
…….अमृत के समान पानी कब विष बनकर सैकड़ों की जान ले ले यह मालूम ही नहीं होता है। एक जान की कीमत बहुत ज्यादा हेाती है, पर हमारे देश में जब तक कोई बड़ी घटना घटित नहीं होती और कई जाने खत्म नहीं होती तब तक प्रशासन नहीं जागता। सबसे बड़ा सवाल यह है कि […]
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