लखनऊ (जनमत):- गलवान घाटी में भारतीय सेना पर की गई चीन की हिमाकत का जवाब देने के लिए भारतीय फौज ने पूरी तैयारी कर ली है। हालांकि सेना के जवाब देने से पहले भारत सरकार ने चीन के खिलाफ आर्थिक घेरेबंदी शुरू कर दी है। चीन की कमर तोड़ने के लिए रेलवे ने चीनी कम्पनी के साथ हुआ 471 करोड़ रूपये का करार रद्द कर दिया है। इसके साथ ही कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इण्डिया ट्रेडर्स ने भी पांच सौ चीनी उत्पादों के बहिस्कार की सूची जारी कर दी है। चीन की करतूत से हैरान उत्तर प्रदेश के व्यापारियों ने भी चीन को सबक सिखाने की ठान ली है।
लखनऊ में तो व्यापारियों ने चीन निर्मित उत्पादों के लिए दिए गए 350 करोड़ के आर्डर ही निरस्त कर दिए है। यूपी के कानपुर में भी चीन की हरकत का जवाब देने के लिए यहाँ के व्यापारियों ने चीन को दिए गए 110 करोड़ के आर्डर को रोक दिया है। राजधानी लखनऊ से लेकर प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों में चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट रहा है। लोग अपने – अपने तरीके से चीन का जवाब दे रहे । यूपी पुलिस की बात की जाये तो इसकी एक इकाई स्पेशल टास्क फोर्स यानि की एसटीएफ ने 52 चाइनीज एप्स की एक सूची जारी की है। बताया जा रहा है कि सूची आईजी एसटीएफ अमिताभ यश के द्वारा जारी की गई है।
(यहाँ देखे एप्स की लिस्ट)
हवाला दिया गया है कि एप्स का इस्तेमाल करने पर गोपनीय जानकारी की चोरी हो सकती है। गृह मंत्रालय ने भी ऐसे एप्स का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। इसी के आधार पर आईजी एसटीएफ ने सूची जारी करने के साथ ही मातहतों को निर्देश दिया है कि वह और उनके परिजन अपने मोबाइल से चायनीज एप्स को तत्काल हटा लें। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी फौज के बीच हुए संघर्ष में देश के कई जवान शहीद हो गए। जवानो की शहादत से देशवासियों में काफी उबाल है। कही चीन के राष्ट्रपति शी – जिनपिंग के खिलाफ लोग नारेबाजी कर रहे तो कही चीनी राष्ट्रपति का पुतला जलाया जा रहा है। देश में चीन के उत्पादों का एक बड़ा बाजार है।
करोड़ो – अरबों को माल चाइना भारत में खपाता है और उन्ही रूपये से अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत करता है। चीन की यही आर्थिक मजबूती को तोड़ने के लिए देश के कारोबारियों ने न सिर्फ उसके उत्पादों का विरोध करना शुरू कर दिया है बल्कि करोड़ो के दिए गए आर्डर भी निरस्त कर दिए है। और तो और चीनी एप्स का भी देश में विरोध होना शुरू हो चुका है। आरोप है कि चीनी एप्स के जरिये चाइना भारत की जासूसी कर रहा है। यही वजह है कि चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग शुरू हो चुकी है।
Posted By:- Amitabh Chaubey