मथुरा, राधाकुंड (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा के राधाकुंड किसी को संतान सुख की चाह तो किसी को मोक्ष प्राप्ति की कामना, हर किसी के मुख बस श्रीराधा नाम। रात के ठीक 12 बजते ही आस्था रूपी संगम में डुबकी की होड़ लग गई। किसी ने एक तो किसी ने तीन डुबकी लगाई। श्रीधाम राधाकुंड में श्रद्धा, भक्ति और विश्वास से जुड़े अहोई अष्टमी मेला के महास्नान में लाखों ने डुबकी लगाई। हर कोई राधे की भक्ति में डूबा नजर आया। जिधर देखो उधर ही भक्ति की चादर ओढ़े आस्थावान श्रद्धालु श्रीराधाकृपा कटाक्ष का पाठ करते दिखाई दिये।
सोमवार की सुबह से ही कुंड के घाटों पर भीड़ दिखाई देने लगी और रात्रि तक सैलाब उमड़ने लगा। रात्रि 12 बजे महास्नान शुरू होकर सुबह तक चला। कार्तिक नियम सेवा में ब्रजवास कर रहे देशी-विदेशी भक्तों ने आस्था की डुबकी लगाई। दो साल कोरोना संक्रमण काल के कारण दूर रहे विदेशी भी इस बार महास्नान में शामिल हुए। मान्यता है कि अहोई अष्टमी पर्व पर रात्रि में स्नान करने से निःसंतान दम्पत्तियों को संतान का सौभाग्य मिल जाता है। आस्था में मनोकामना पूरी होने के बाद भी श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।
श्रीराधा-कृष्ण की प्रेममयी लीला के प्रतीक इस कुंड में स्नान के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। भक्तों ने गिरिराज जी महाराज की परिक्रमा करते हुए राधारानी कुंड पर पूजा अर्चना की। स्नान से पूर्व दीपदान किया गया। ठीक रात्रि 12 बजते ही श्रीराधाकृपा कटाक्ष के गुंजायमान स्वरों के बीच महास्नान हुआ। पूरे परिक्रमा से लेकर राधाकुंड नगर में हर ओर श्रद्धालु राधे की भक्ति में नजर आये। पूरी रात्रि समस्त मंदिर एवं आश्रमों में धार्मिक आयोजन हुए। राधा कृपा कटाक्ष से लेकर कृष्ण कृपा कटाक्ष व राधे-राधे के उद्घोषों के गायन से श्रीधाम राधाकुंड गुंजायमान रहा। विदेशी भक्त भी हरिनाम संकीर्तन का गायन कर रहे थे।