महाराष्ट्र में एक बार फिर गठबंधन सरकार पर छाया “खतरा”…

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देश/विदेश (जनमत) :- महाराष्ट्र सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं कोरोना संकट के बीच एक बार फिर । राज्य में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई वायरस का हॉटस्पॉट बनी हुई है। इसे लेकर भाजपा ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा से सत्ता से बाहर होना बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने राज्यपाल से मुलाकात कर सेना बुलाने की मांग की है। वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि सरकार मजबूत है और चिंता की कोई बात नहीं है।भाजपा नेता नारायण राणे ने कहा, ‘सरकार कुछ नहीं कर सकती। लोगों की जान नहीं बचा सकती है। सरकार विफल हो रही है। इस सरकार में कोरोना से सामना करने की क्षमता नहीं हैं। इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।एनसीपी प्रमुख शरद पवार और भाजपा के वरिष्ठ नेता नारायण राणे की राज्यपाल से अलग-अलग मुलाकात के बाद सियासी सरगर्मी और तेज हो गई है।

हालाँकि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात के बाद राणे ने सेना बुलाने की भी बात कही है।राणे ने कहा, ‘हमने राज्यपाल जी से अनुरोध किया है कि लोगों की जान बचाने, उनको सही इलाज देने के लिए महानगर पालिका और राज्य सरकार के अस्पतालों को सेना के हवाले कर दिया जाए।’ राणे ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे अनुभवहीन मुख्यमंत्री हैं जो पुलिस और प्रशासन को नहीं चला सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अस्पतालों की हालत खराब है।वहीं एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी सोमवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल से राज भवन में मुलाकात की। राज भवन से निकलने के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि यह कोश्यारी के आग्रह पर शिष्टाचार भेंट थी। एनसीपी ने दावा किया कि राज्यपाल के आमंत्रण पर यह मुलाकात हुई और बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं रहा।

Posted By:- Ankush Pal

Correspondent, Janmat News.