राजनीती दलों ने सोशल मीडिया पर “करोड़ो’ लुटाएं...

राजनीती दलों ने सोशल मीडिया पर “करोड़ो’ लुटाएं…

देश – विदेश राजनीति

देश विदेश(जनमत). पूरी दुनिया में इंटरनेट पर अपनी धाक ज़माने वाला इंटरनेट का सबसे बड़ा सर्च करने वाले सोशल साइड फेसबुक है| भारत में 2019 के लोकसभा चुनावों का 19 मई को आखिरी चरण खत्म हो गया है। अब 23 मई को आने वाले नतीजों का सभी को इंतजार है। मिली जानकारी के अनुसार इन चुनावों में सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए राजनीतिक दलों ने जमकर पैसा खर्च किया है।

राजनीतिक दलों ने इस साल फरवरी से अब तक फेसबुक और गूगल जैसे प्लेटफार्म पर प्रचार के लिए 53 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही। हालांकि, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इसमें पीछे नहीं रही है। उन्होंने भी प्रचार के लिए खूब पैसा खर्च किया है।

फेसबुक की विज्ञापन से जुड़ी रिपोट के मुताबिक, इस साल फरवरी की शुरुआत से 15 मई तक उसके मंच पर 1.21 लाख राजनीतिक विज्ञापन चले| इन विज्ञापनों पर राजनीतिक दलों ने 26.5 करोड़ रुपये खर्च किए| गूगल, यूट्यूब और उसकी सहायक कंपनियों पर 19 फरवरी से अब तक 14,837 विज्ञापनों पर राजनीतिक पार्टियों ने 27.36 करोड़ रुपये खर्च किए| इस दौरान सभी पार्टियों ने हर तरीकों से जनता को वोट के लिए रिझाने की कोशिश की है।

वही मिली जानकर के अनुसार ” My First Vote For Modi”, “भारत के मन की बात” और ” Nation With Namo” जैसे पेज ने भी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर विज्ञापनों पर चार करोड़ रुपए खर्च किए। भाजपा ने गूगल के विभिन्न प्लेटफार्म पर लगभग 17 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया है। वही फेसबुक पर कांग्रेस ने 3,686  विज्ञापनों पर 1.46 करोड़ रुपए खर्च किए। वहीं, गूगल पर 425 विज्ञापनों पर राहुल गांधी की अगुवाई वाली पार्टी का खर्च 2.71 करोड़ रुपए रहा। फेसबुक से मिली जानकारी के अनुसार तृणमूल कांग्रेस ने उसके प्लेटफार्म पर 29.28 लाख रुपए खर्च किए।

जबकि आम आदमी पार्टी ने फेसबुक पर 13.62 लाख रुपए खर्च करके 176 विज्ञापन दिए। हालांकि, गूगल के पॉलिटिकल एड डेशबोर्ड के मुताबिक- आबर्न डिजीटल सॉल्यूशन नाम की कंपनी आप का राजनीतिक कैंपेन चला रही थी। इसके जरिए कुल 2.18 करोड़ के विज्ञापन जारी किए गए। गूगल और फेसबुक जैसे डिजिटल प्लेटफार्मों ने कहा था कि वे देश में चुनाव से पहले पारदर्शिता लाने के लिए अपने मंच पर राजनीतिक विज्ञापनों का विवरण देंगे। उन्होंने चुनावी अखंडता के आसपास के प्रयासों को मजबूत करने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई उपायों की घोषणा की।