मैंने भाजपा से चाँद तारे नहीं मांगे थे!

देश – विदेश राजनीति

देश/विदेश (जनमत) :- सियासत के फ़साने का दौर पुराना है, साथी का दुश्मन और दुश्मन का साथी बन जाना है…. इसी कड़ी में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाने को लेकर कहा है कि मैंने भाजपा से चांद-तारे नहीं मांगे थे। यदि वह मेरी बात मान जाते तो आज मैं नहीं बल्कि कोई और शिवसैनिक मुख्यमंत्री होता। साक्षात्कार में कहीं।  यह बातें मुख्यमंत्री ने सामना को दिए साक्षात्कार में कहीं। उन्होंने कहा कि किसी को टिप्पणी करनी है तो खुशी से करे। मैं अब परवाह नहीं करता। यह बातें मुख्यमंत्री ने सामना को दिए.

इस दौरान उन्होंने कहा कि मैंने उनसे (भाजपा) से चांद-तारे मांगे थे क्या?’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा अगर दिए गए वादों को निभाती तो मैं मुख्यमंत्री पद पर दिखाई नहीं देता। कोई शिवसैनिक वहां पर विराजमान हुआ होता। लेकिन ये उस दिशा में उठाया गया पहला कदम है!’महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मुख्यमंत्री पद को स्वीकारना न ही मेरे लिए झटका था और न ही मेरा सपना था। अत्यंत ईमानदारी से मैं ये कबूल करता हूं कि मैं शिवसेना प्रमुख का एक स्वप्न- फिर उसमें ‘सामना’ का योगदान होगा, शिवसेना का सफर होगा और मुझ तक सीमित कहें तो मैं मतलब स्वयं उद्धव द्वारा उनके पिता मतलब बालासाहेब को दिया गया वचन! इस वचनपूर्ति के लिए किसी भी स्तर तक जाने की मेरी तैयारी थी। उससे भी आगे जाकर एक बात मैं स्पष्ट करता हूं कि मेरा मुख्यमंत्री पद वचनपूर्ति नहीं बल्कि वचनपूर्ति की दिशा में उठाया गया एक कदम है। साथ ही बताया कि महाराष्ट्र की राजनीति के भूकंप का झटका दिल्ली तक लगा। देश को नई दिशा मिली।

Posted By:- Ankush Pal