“धरती के भगवान्” बचा रहें हैं “मासूमों” की जान…..

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लखनऊ (जनमत) :- माँ अगर  बच्चे की जन्मदाता है तो “धरती के भगवान” भी मासूमों को “दूसरा-जीवन” देने का काम रहें हैं, आज के आधुनिक युग में विज्ञान और तकनीक के सहारे डाक्टर “मासूमो” को नई ज़िन्दगी देने का काम कर रहें हैं. वहीँ इसी कड़ी में लखनऊ के केजीएमयू के पेडीएट्रिक सर्जरी विभाग ने अविकसित आहार नली को  न सिर्फ विकसित किया बल्कि नवजात शिशु को नया जीवन प्रदान किया है. आपको बता दे कि इसोफेगस्टमी एड्रोसिया  नामक बिमारी दस हजार में से किसी एक बच्चे को होती है.

वहीँ इस गंभीर बिमारी का सफल इलाज करने वाले केजीएमयू के प्रोफेसर डॉ जे. डी. रावत ने बताया कि इस बिमारी का इलाज करना एक तरह से हमारे लिये चुनौती जैसा होता है, चूकी हमारे पास बेहद सीमित संसाधन है, आपको बता दे कि इस ऑपरेशन में बच्चे की आहार नली को गले से बाहर किया गया और पेट में खाने की थैली में एक नली डालकर… उपचार जारी रखकर …… गैस्ट्रिक ट्यूब को सम्मिलित कर दिया गया. जिसके बाद बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है.