पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह राजनीती की नई पारी खेलने को “तैयार”…

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लखनऊ  (जनमत) :-  एक सामान्य परिवार  से सम्बन्ध रखने वाले और जनहित में दिन रात काम करते रहेने वाले पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह का राजनीतिक सफ़र 14 साल से अधिक का है. इस दौरान  इन्होने जहाँ जनता की भलाई के लिए लगातार काम किया वहीँ  जनता ने भी इन्हें इसका तोहफा दिया और राजनितिक गलियारों में एक तरह से स्थापित कर दिया. पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह पिछले 15 साल से लगातर बस्ती के हरैया विधानसभा से विधायक हैं और लगातार तीन बार कैबिनेट मंत्री के पद को भी शुसोभित कर चुके हैं.  हालाँकि इसके लिए इनकी  मेहनत को भी बराबर का श्रेय जाता है और जनता की भलाई के लिए लगातार काम  करते रहेने भी इनकी विशेषता है. इस दौरान इन्होने बस्ती में पंचायत भवन, उद्यान पार्क, मेडिकल कॉलेज बनवाया और बस्ती को विकास प्राधिकरण का दर्जा सहित तमाम विकास कार्य  भी इनकी लगातार की जा रही मेहनत की एक झलक मात्र हैं. इनका राजनीतिक कैरियर काफी उतार चढ़ाव वाला रहा है। वर्ष-1990 में छात्र राजनीति में कदम रखने वाले पूर्व मंत्री राजकिशोर सिंह ने राजनैतिक यात्रा में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1990-91 में छात्र राजनीति से चर्चा में आए और एपीएन कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष बने.

इसके बाद 2000 में जिला पंचायत सदस्य बने और 2002 में बसपा के टिकट पर हर्रैया विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और पहले ही प्रयास में सफल हो गए। जिसके बाद बसपा की सरकार में  उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाया गया। साल -2003 में मुख्यमंत्री मायावती का तख्ता पलट होने के बाद राजकिशोर 40 विधायकों के साथ सपा में शामिल हो गए। मुलायम सिंह मुख्यमंत्री बने और इनके मंत्री बनने का सफ़र जारी रहा.  इसी दौरान साल 2007 तक सपा सरकार में मंत्री रहे। हालाँकि साल 2007 से 2012 तक प्रदेश में बसपा की सरकार रही और  ये  सपा के विधायक रहें। वहीँ सत्ता बदलने के साथ ही एक बार फिर राजकिशोर सिंह का कद बढने लगा… जिसके बाद साल 2012 में लगातार तीसरी बार विधायक और फिर मंत्री बने। तीसरी बार भी मंत्रिमंडल में उद्यान विभाग ही मिला, लेकिन साल -2014 में विभाग बदलकर लघु सिंचाई और पशुधन मंत्री बना दिया गया। इसी दौरान साल 2015 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद सरकार में अचानक कद और बढ़ गया। भाई का एमएलसी का टिकट कटा तो तत्ल्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राजकिशोर को पंचायती राज विभाग का अतिरिक्त प्रभार और भाई बृजकिशोर सिंह ‘डिंपल’ को ऊर्जा सलाहकार जैसा पद देकर संतुलन स्थापित कर दिया गया.  वहीँ राजनीतिक उतार चढ़ाव के बाद अब राज किशोर सिंह बसपा में  हैं और आगामी चुनाव को देखते हुए राजनीती की एक नई पारी खेलने को तैयार नज़र आ रहें हैं .

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..

REPORT- DHIRENDRA SRIVASTAVA…