कुख्यात अपराधी की माँ भी चाहतीं है बेटे का खात्मा

CRIME UP Special News

लखनऊ (जनमत):- कानपुर में शहीद हुई सीओ और थाना प्रभारी समेत पुलिस विभाग के 8 जवानों के परिजनों का ही रो – रो कर बुरा हाल नहीं है बल्कि मुख्य आरोपी विकास दूबे की माँ भी यही हाल है। जब से इन्हे कानपुर की हृदय विदारक घटना की जानकारी हुई है तब से यह उस वक्त को कोस रही है जब आरोपी  हिस्ट्रीशीटर इनकी कोख से पैदा हुआ था। कोस उस राजनीति को भी रही है है जिसने विकास दूबे को नेता से एक कुख्यात अपराधी बनाया है। अब इस अपराधी को कानपुर ही नहीं बल्कि पूरी यूपी की पुलिस और उसकी अन्य इकाइयों को इसकी तलाश है। आरोपी फरार कुख्यात बदमाश पर 50 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित किया जा चुका है। विकास दूबे जिन्दा है या फिर पुलिस की गोलियों का शिकार हो चुका है यह कोई नहीं जानता। लेकिन यह भी जरूर है कि विकास दूबे अगर ढेर भी जाये तो इस बूढी माँ के कलेजे को भी शायद ठण्डक पहुंच जाये।

दरअसल कानपुर की घटना में मेन और मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे का लखनऊ में कोतवाली कृष्णानगर के  इंद्रलोक कॉलोनी में जे 424 नंबर नाम से एक घर है। कानपुर में हुई घटना के बाद जब पुलिस की टीम इंद्रलोक स्थित विकास दूबे के घर पहुंची तो यहाँ पर ताला लटका मिला। हालांकि कुछ दूरी पर आरोपी के छोटे भाई दीप प्रकाश उर्फ दीपू का घर था। पुलिस जब यहाँ पहुंची तो दीपू के साथ ही उसकी बुजुर्ग माँ सरला भी मिल गई। आरोपी की बुजुर्ग माँ सरला के आंसू गवाही देने के लिए काफी है कि शहीद हुए पुलिस के जवानों को लेकर यह कितना ग़मगीन है। इन्हे दुःख इस बात का है कि उनके अपराधी बेटे की वजह से 8 परिवारों की खुशिया छीन ली गई और ग़म इस बात का है कि आरोपी उनकी कोख से जन्मा है। बुजुर्ग सरला उस वक्त को भी कोस रही है जब विकास दूबे ने राजनीति में कदम रक्खा था।

भारतीय जनता पार्टी से राजनीति का सफर शुरू करने वाला कुख्यात बदमाश विकास दूबे बहुजन समाज पार्टी में में भी रहा तो वर्तमान में वह समाजवादी पार्टी से जुड़ा हुआ था। हैरान करने वाली बात यह है कि 60 से अधिक मुकदमों में नामजद होने के बाद भी आरोपी विकास दूबे सत्ता पार्टी में अपनी पैठ बना लेता था। इसी पैठ के चलते वह संगीन अपराधों को अंजाम देता रहा है। मुकदमें की फेहरिस्त बढ़ती रही और आरोपी विकास दूबे का राजनितिक ग्राफ भी बढ़ता गया। यही वजह थी कि सूबे में भाजपा, सपा या फिर बसपा की सरकार रही है सब में उसका डंका बजता रहा। हालांकि पुलिस के जवानों की शहादत के बाद पूरे का पूरा पुलिस महकमा जिस तरह से आरोपी की तलाश में जुटा है उससे यही कहा जा सकता है कि अब जरायम के इस नाम का खात्मा होना तय है।

Posted By:- Amitabh Chaubey