दलित की भूमि पर मास्टरमाइंड नटवरलालो ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्शाया बैनामा

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मैनपुरी (जनमत):- उत्तर प्रदेश सरकार एंटी भू माफिया अभियान चलाकर पीड़ितों की जमीन को छुड़ाकर उन्हें न्याय दिलाने का काम कर रही है वही मास्टरमाइंड नटवरलाल पूर्व प्रधान ने साथ में चलने वाले एक दलित की 10 बीघा जमीन बैनामा फर्जी स्टांप फर्जी मोहर फर्जी परमिशन दर्शा कर तहसीलदार कर्मियों से जालसाज कर अपने पिता के नाम बैनामा दर्शा कर दाखिल खारिज भी करा लिया जब नटवरलाल उक्त जमीन पर कब्जा करने के लिए गए तब पीड़ित को जानकारी हुई तो नटवरलाल दबंगों ने राइफल और बंदूकों से जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भगा दिया|

पीड़ित दलित ने आनन-फानन में अपनी  जमीन छुड़वाने के लिए एसडीएम को जनसुनवाई के तहत एक प्रार्थना पत्र दिया जिसमें पूरा मामला खुलकर आ गया कि उक्त जमीन का बैनामा तहसील रजिस्ट्रार के यहां नहीं कराया गया है और ना ही कोई बैनामा किस दिन तारीख अंकित है जिससे बैनामा असली दर्शाया जा सके दबंग पीड़ित की जमीन को छोड़ना नहीं चाहते थे जिसके चलते पीड़ित ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जमीन को छुड़ाने और न्याय पाने के लिए शिकायत पत्र देकर गुहार लगाई तब कहीं पीड़ित की जमीन को छुड़ाते हुए|

पीड़ित की शिकायत पर पुलिस नेधारा 420 ,467 ,468 ,471 ,504 ,506 ,संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी जांच में आरोपी राम प्रकाश यादवगवाह हरिओम महताव सिंह सहित 3 दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जबकि दो मास्टरमाइंड नटवरलाल फरार हो गए थे जिन्हें पुलिस ने मुखबिर की निशानदेही पर महेश यादव सुरेश यादव  को गिरफ्तार कर लिया और 2 दिन तक थाने में रखकर उन्हें छोड़ दिया गया

उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में अमन और चैन लाने की बात करती हुई नजर तो आती है लेकिन चर्चा में रही यूपी पुलिस के कार नामों के चलते पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है अब पीड़ित पर दबाव बनाया जाता जा रहा है कि मुकदमा वापस ले ले अन्यथा अंजाम बहुत बुरा होगा तो आइए हम आपको रूबरू करवाते हैं ऐसी हकीकत से पूरा मामला जनपद मैनपुरी के थाना कुर्रा क्षेत्र के ग्राम शिड़ का है इस गांव के रहने वाले सूबेदार कठेरिया गांव के ही पूर्व प्रधान महेश चंद्र यादव का आए दिन साथ रहते थे जिनकी जमीन पर योजना बनाकर बैनामा करा लिया था वही लेखपाल ने भी जानकारी दी है उक्त लोग फर्जी काम झूठे दस्तावेज बना जमीन हड़पने का काम करते है|

चर्चा है कि तहसील करहल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैनामा करने एवं दाखिल खारिज कर 57 खा पर चढ़ाने एक सक्रिय गैंग है जो भारी भरकम मोटी रकम लेकर फर्जी तरीके से यह कार किया जा रहा है अला की तहसील करहल से यह पहला ही कारनामा सामने आया है आगे पुलिस जांच में जुटी इस संबंध में क्षेत्राधिकारी करहल से पूछताछ करनी चाही तो वह कैमरे के सामने बोलने से मुकर गए तो वही तहसीलदार भी कैमरे के सामने नहीं बोले|

Posted By:-Gaurav Pandey