बिजली का मीटर हाथों में लिए “कनेक्शन” के इन्तजार में “ग्रामीण”….

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संतकबीरनगर  (जनमत) :- यूपी के संतकबीरनगर जिले में एक ऐसा गांव है जहां पर पिछले  5 सालों ने गांव के ग्रामीण अपने हाथों में बिजली का मीटर लिए इंतज़ार करते रहे , की कोई साहब आएंगे उनके मीटर का बिजली का कनेक्शन करेंगे और उनके घर में बल्ब की रोशनी होगी, लेकिन 5 सालों में ना तो उनके घर में बिजली आई, और ना ही विभाग का कोई कर्मचारी, लेकिन हां इन गरीबों के हाथों में 10 हज़ार से लेकर 1 लाख रुपये तक का बिजली का बिल ज़रूर थमा दिया गया, और अब ये ग्रामीण न्याय की गुहार लगा रहे हैं

वीओ..यह तस्वीर है यूपी के संतकबीरनगर जिले के खलीलाबाद ब्लॉक में आने वाले भक्ता ग्राम पंचायत के नैना झाला गांव की, जहां के ग्रामीणों के हाथ में बिजली का मीटर है इनका दर्द है कि करीब 5 साल पहले इन्हें प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत फ्री बिजली मुहैया कराई गई थी, इनके हाथों में बिजली का मीटर पकड़ा दिया गया, और कहा गया कि एक हफ्ते बाद वह दोबारा आएंगे, और इस मीटर में बिजली का करंट दौड़ा देंगे, और आपके घर में इस योजना के तहत रोशनी हो जाएगी लेकिन 5 साल के लंबे इंतजार के बाद ना तो बिजली विभाग के कर्मचारी बिजली का कनेक्शन देने आए आए, नए घर में बिजली आई ना रोशनी, लेकिन लोगों के नाम पर मोटी रकम की बिजली का बिल जरूर पहुंच आगया, अब आप सोच रहे होंगे कि जब इनके हाथों में बिजली का मीटर है घर के अंदर बिजली का तार नहीं पहुंचा तो आखिर इन्हें बिजली का बिल क्यों थमा दिया गयाज़ इसी को लेकर नैना झाला गांव का एक पुरवा खून के आंसू रो रहा है, और अपने हाथों में बिजली का मीटर लेकर इंतजार कर रहे हैं.

कि शायद हाथों में मीटर लेने से ही उसमें करंट दौड़ जाए, वहीं जब इस पूरे मामले पर अधिशासी अभियंता से बात की गई उन्होंने कहा कि हमने सोशल मीडिया पर वीडियो देखी है लेकिन इस मामले पर अभी कोई लिखित शिकायत उनके पास नहीं पहुंची है, पहले हम जांच करा लेते हैं उसके बाद ही इस मामले पर कुछ बोल पाएंगे, साहब ने भी सही कहा है साहब ने वीडियो देखी है, लेकिन एप्लीकेशन नहीं पहुंचा है तो साहब समस्या का समाधान भी नही करेंगे, मगर गांव वाले तो कहते हैं इन्हें अवगत करा दिया गया है, बावजूद इसके अभी तक ना तो इनके मीटर में बिजली वाला तार जोड़ा गया है, और न ही घर में रोशनी पहुंची है , ऐसे में 5 साल से हाथों में बिजली का मीटर लिए ग्रामीणों को न्याय कब मिलेगा, ये कहना बहुत मुश्किल है.

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…