भदोही में पंचायत भवन की जाँच करने पहुँचे जेई को बनाया गया “बंधक”

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भदोही (जनमत ):- उत्तर प्रदेश के जनपद भदोही से बड़ी और हैरान कर देने वाली खबर भदोही से है | जहाँ औराई के लक्ष्मणा गाँव में पंचायत भवन की जाँच करने पहुँचे संयुक्त सचिव अवधेश खरे पंचायती राज विभाग लखनऊ, जिला पंचायत राज अधिकारी राकेश यादव और ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अवर अभियंता वीरेंद्र प्राताप सिंह के सामने ग्रामीणों ने बवाल कर दिया। मौके की नजाकत भांप संयुक्त सचिव और डीपीआरओ भाग खड़े हुए जबकि अवर अभियंता को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। कहा जा रहा कि अक्रोशित ग्रामीणों ने अभियंता की पिटाई भी की। इसकी जानकारी होते ही क्षेत्राधिकारी रामलखन मिश्र, उप जिलाधिकारी लाल बाबू दुबे और बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुँच गई। किसी तरह स्थिति को नियंत्रित कर मामले को शांत कराया।

 

गाँव में पंचायत भवन को लेकर ग्रामीणें और प्रधान के बीच कई महीने से विवाद चल रहा है। गाँव के लोगों का कहना है कि वर्ष 2008 में पूर्व प्रधान द्वारा लाखों रुपये खर्च कर चौबेपुर में पंचायत भवन का निर्माण कराया है। इसके बाद भी वर्तमान प्रधान द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए दूसरे पंचायत भवन का निर्माण करा दिया। इसकी कई बार शिकायत की गई लेकिन अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। गाँव के लोगों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर दी है। कोर्ट ने दो नवंबर को प्रमुख सचिव पंचायतीराज से इस संबंध में जवाब तलब किया है। इसी क्रम में संयुक्त सचिव लखनऊ की टीम जिला पंचायत राज और अवर अभियंता के साथ गाँव में पहुँचती थी।

मामले की जाँच चल रही थी कि गाँव के लोग आक्रोशित हो गए। ग्रामीणों ने कहा जो भवन ठीक है उसे कंडम घोषित कर दिया गया।  इसकी कई बार जाँच की गई लेकिन अधिकारी सत्ता पक्ष के लोगों के दबाव में आकर सही रिपोर्ट नहीं लगा रहे हैं। इससे जाँच को आए अधिकारियों से भरोसा उठ गया है। वहीं जो भवन बना दिया गया है, उसकी रिकवरी को लेकर कोई अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ग्रामीण हल्ला मचाने लगे तो संयुक्त सचिव और डीपीआरओ ने समझाने का प्रयास किया लेकिन स्थिति बिगड़ते रेख वे भाग खड़े हुए, वहीं अवर अभियंता गाँव के लोगों के बीच घिर गए। अभियंता को पकड़कर पुराने पंचायत भवन में बंद कर दिया गया। आरोप लगाया कि अवर अभियंता ने नियमों को ताक पर रखकर मनमानी तरीके भवन को निष्प्रयोज्य घोषित करने की रिपोर्ट भेजी है। पुलिस क्षेत्राधिकारी रामलखन मिश्र और उप जिलाधिकारी लालबाबू दुबे ने बताया कि किसी को भी बंधक नहीं बनाया गया था, केवल अफवाह थी। अभी तक इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है।

लक्ष्मणा गाँव में पंचायत भवन के निर्माण को लेकर दो माननीयों की साख फंस गई है। एक माननीय जेई को बंधक बनाने का मुद्दा गर्माकर मुकदमा दर्ज करवाने के पक्ष में तो दूसरा बचाने में जुटा है। इस मामले को लेकर धुरंधर जहाँ सियासी रोटी सेंक रहे हैं | तो वहीं अधिकारी भी मामले में लीपापोती करने में जुटे हैं। मामला सत्तादल से जुड़ा होने के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं करना चाह रहे हैं। यह स्पष्ट है कि महज दस साल में कोई भी भवन निष्प्रयोज्य नहीं हो सकता है। तत्कालीन डीएम आर्यका अखौरी इसको लेकर सख्त थीं लेकिन उनके जाते ही अधिकारियों ने इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया |

Reported By :- Anand Tiwari

 

Published By :- Vishal Mishra