लखनऊ (जनमत):- सहकारिता व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर की मां जितना देवी (85) का गुरुवार को निधन हो गया। राजभर ने इसके बाद मेदांता अस्पताल पर उपचार में लापरवाही और ज्यादा धन वसूलने का आरोप लगाया। राजभर ने कहा कि जब उनकी मां अस्पताल गईं तो होश में थीं फिर उन्हें होश भी नहीं आया। यही नहीं उन्हें चार लाख रुपये का बिल थमाया गया।
राजभर ने कहा कि जब उनकी मां अस्पताल गईं तो होश में थीं, फिर उन्हें होश भी नहीं आया। यही नहीं उन्हें चार लाख रुपये का बिल थमाया गया। राजभर ने कहा कि उन्होंने तुरंत इस प्रकरण की शिकायत उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक से कर दी।
निजी अस्पतालों में तो लोगों को इलाज के नाम पर लूटा जा रहा है। जब हम जैसे मंत्री के साथ ऐसा हुआ तो फिर आम जनता के साथ क्या होता होगा। यही नहीं उन्होंने जनप्रतिनिधियों व आम लोगों को सरकारी अस्पताल में ही इलाज कराने की सलाह भी दे डाली। बोले यहां अच्छा इलाज न होता देख ही केजीएमयू ले गया, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली।
उधर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई होगी। उधर मेदांता अस्पताल प्रशासन ने इस प्रकरण पर अपनी पूरी सफाई दी और आरोपों को गलत बताया।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मंत्री राजभर की माता को बीते आठ मार्च को अस्पताल में भर्ती किया गया था। अनियंत्रित मधुमेह, सांस लेने में तकलीफ, कम आक्सीजन, बुखार, भूख न लगना, उच्च रक्तचाप और दोनों फेफड़ों में निमोनिया जैसी गंभीर समस्याओं से वह ग्रस्त थीं। पहले उन्हें इमरजेंसी में और फिर गंभीर स्थिति को देखते हुए आइसीयू में भर्ती किया गया।
सात दिन बाद उनकी हालत में उल्लेखनीय सुधार आ गया। परिवार के लोगों की सहमति से उन्हें आठवें दिन 15 मार्च को डिस्चार्ज कर दिया गया। उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं की गई। लापरवाही व गलत इलाज के आरोपों को अस्पताल प्रशासन ने नकार दिया।
PUBLISHED BY – GAURAV UPADHYAY