अँधेरी जिन्दगी में “पूर्णा” के सपनों को लगे “पंख”

अँधेरी जिन्दगी में “पूर्णा” के सपनों को लगे “पंख”

करियर

करियर(जनमत):- यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 परिणामों में कुल 829 उम्मीदवारों का चयन हुआ है। इनमें से कई  ऐसे उम्मीदवारों के संघर्ष की कहानियां धीरे धीरे सामने आर ही हैं| ऐसी ही एक कहानी पूर्णा सुंदरी की है| जो तमिलनाडु से हैं| 25  वर्ष की पूर्णा सुंदरी दिव्यांग हैं| वो देख नहीं सकती हैं उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 286वीं रैंक हासिल की है उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा|

लेकिन उन्होंने अपने परिवार की मदद से अपने लक्ष्य को हासिल किया|पूर्णा सुंदरी के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं और उन्होंने बताया कि पढ़ाई  में वह हमेशा से अच्छी रही है| उसने 10वीं में स्कूल टॉप किया था और 12वीं में  भी काफी अच्छे नम्बरों से पास हुई है| फातिमा कॉलेज में उसने बीए इंग्लिश लिटरेचर में किया|

वही जब पूर्णा  से बात की तो उन्होंने बताया कि वह चेन्नई के मणिधा नियम संस्थान गई| यह संस्था फ्री IAS कोचिंग प्रदान करती है| यहां ऐसा मंच मिला कि उन्हें खुद को स्थापित करने में मदद मिली| उन्होंने बताया कि माता-पिता और मेरे दोस्त सपोर्टिव रहे, उनके कारण ही वो सफल हो सकीं|

Posted By:- Vivek Pandey(special correspondent janmat news)