“हमारा बंधन”

करियर

जनमत न्यूज़(करियर): शब्द हमारे मनस पटल पर काफी गहरा प्रभाव छोड़ते है। साहित्य का किसी भी समाज के निर्माण में व्यापक भूमिका होती है ।ऐसे ही एक कवि एवं लेखक है सुयश कुमार द्विवेदी जिनके कविताएं व लेख प्रेरणादायी व उत्साहवर्धक होते है।

जीवन में कितनी परेशानियों से,
ढूंढा है तुमको,बड़ी हैरानियों से
इक नई इबारत, नई दास्तां
यह मिलान अनोखा हमारा होगा,

सारे रिश्तों में यह बंधन
अपना सबसे प्यारा होगा;

दिल के अब तक,
जज़्बात सम्भाले रखा था,
खातिर तुम्हारे दिले हालात,
सम्भालें रखा था,

नए हालात होंगे,
नए एहसास होंगे,
अपने मिलन के वो पल
कितने खास होंगे;

तुम्हारी ही प्रतीक्षा थी,
इस अधूरे मन को,
आकर पूर्ण कर दो,
मेरे इस जीवन को

अपने परिणय का साक्षी,
आकाश का हर इक तारा होगा,
सारे रिश्तों में यह बंधन,
अपने सबसे प्यारा होगा;

अधरों की मुस्कान का,
आभास हो तुम,
धक धक करती धड़कन का,
हर सांस हो तुम,

नव जीवन की नई,
खुशियों का विश्वास हो तुम,
हर पल,हर जगह,महसूस करूँ
ऐसा एहसास हो तुम,

यूं ही ज़िन्दगी को,
हम खुशियों से भर देंगे,
अब आ गए जो तुम भी,
हर पल को हम जीयेंगे,

खुशियों के दामन से महका,
घर आँगन अपना,न्यारा होगा
सारे रिश्तों में यह बंधन
अपने सबसे प्यारा होगा,

सुयश कुमार द्विवेदी – सहायक अभियोजन अधिकारी (दिल्ली)
Email – suyashdubey85@gmail.com

Posted By:- Amitabh Chaubey