बीफ के प्रति किलोग्राम पर लगभग पंद्रह हजार लीटर पानी लगता है

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Exclusive News (Janmat News): क्या हो अगर आपको पता लगे कि आप हर दिन लगभग साढ़े तीन हजार (3496) लीटर पानी पीते हैं ! ये आपका वॉटर फुटप्रिंट यानी पानी की वो मात्रा है जो हम अपने रुटीन में खर्च करते हैं. इसमें खाना पकाने, नहाने, पीने में इस्तेमाल होने वाला ही नहीं बल्कि वो पानी भी शामिल है जो हमारे सामने खर्च नहीं होता लेकिन हमपर खर्च होता है. इसे आभासी पानी कहते हैं जो असल में हमारा वॉटर फुटप्रिंट है. अगर हम पर लग रहे इस आभासी पानी को जोड़ा जाए तो रोज एक वयस्क व्यक्ति पर हजारों लीटर पानी खर्च हो रहा है.

हम घर पर नहाने, पीने, कपड़े धोने, फ्लश करने या खाना पकाने के लिए जो पानी खर्च करते हैं वो डोमेस्टिक कंजंप्शन के तहत आता है. ये लगभग 137 लीटर/प्रतिदिन है. हालांकि ये वही पानी है जो हम प्रत्यक्ष तौर पर खर्च करते हैं. जितना पानी हम वास्तव में खर्च कर रहे हैं, ये उसका बहुत मामूली सा हिस्सा है. असल में खर्च हो रहे पानी के दो अप्रत्यक्ष हिस्से हैं. पहला हिस्सा वो है जो हमारे लिए इंडस्ट्रियल उत्पाद बनाने में लगता है, जैसे पेपर, कपड़े, जूते आदि. ये 167 लीटर/प्रतिदिन है.

दूसरा और सबसे अहम हिस्सा अप्रत्यक्ष है जो दरअसल हमारी डाइट का फुटप्रिंट है. ये लगभग 3496 लीटर/प्रतिदिन है. इसे वर्चुअल वॉटर फुटप्रिंट कहा जाता है. पर्यावरणविद प्रो. टोनी एलन ने इस टर्म का ईजाद किया था.

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ये दरअसल एक तरह का इकोलॉजिकल फुटप्रिंट है जो उस पानी के लिए इस्तेमाल होता है जो किसी चीज के उत्पादन, पैकेजिंग और शिपिंग यानी उसके हम तक पहुंचने पर खर्च होता है. हमारी डाइट का भी वॉटर फुटप्रिंट है जो हरेक की खाने की आदतों और मात्रा के अनुसार कम-ज्यादा होता है.

वेजिटेरियन खाना प्रेफर करनेवालों का फुटप्रिंट मांस खाने वालों की अपेक्षा छोटा होता है. यूनेस्को के इंस्टीट्यूट फॉर वॉटर एजुकेशन के अनुसार मांस की प्रोसेसिंग में काफी ज्यादा पानी खर्च होता है. इसी तरह से प्रोसेस्ड खाने पर रॉ खाने से कई गुना ज्यादा पानी लगता है. मसलन आलू चिप्स का फुटप्रिंट आलू से तीन गुना ज्यादा है.

बीफ के प्रति किलोग्राम पर लगभग पंद्रह हजार लीटर पानी लगता है. ये उतना पानी है जिससे बड़े आकार के 39 बाथटबों को पूरी तरह से भरा जा सकता है. यूनाइटेड नेशन्स एनवायरमेंट प्रोग्राम में बीफ सेवन को पर्यावरण के लिए बहुत बड़ा खतरा बताया गया है. एक स्वीडिश स्टडी के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए यूएन ने कहा कि ये खाना लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर तक मोटरबाइक चलाने के बराबर है.

एक किलो चावल के लिए लगभग 2500 लीटर पानी, जबकि एक किलो गेहूं के लिए लगभग 1830 लीटर पानी की खपत होती है. एक किलो शक्कर पर 1780 लीटर पानी खर्च होता है. सेहत के लिए टोफू खाना प्रेफर करने वालों को जानना चाहिए कि टोफू पर प्रोटीन के वेजिटेरियन विकल्प जैसे दाल की बजाए लगभग तीन गुना पानी लगता है.

इसी तरह से एक कप कॉफी जो आपकी मेज पर पहुंचती है, उसमें लगभग डेढ़ सौ लीटर पानी की खपत होती है. ये चाय में लगने वाले पानी से 10 गुना ज्यादा है. प्रति लीटर दूध पर 1020 लीटर पानी खर्च होता है. जो कि दिन के इन तीन पेयों में सबसे कम माना जा सकता है. दुनियाभर में जलसंकट को देखते हुए अमेरिका और यूरोप में वॉटर सेंसिबल डाइट पर जोर दिया जा रहा है. हफ्ते में एक दिन मीट-लेस रखने की भी पैरवी की जा रही है.

 

Posted By: Priyamvada M