जितना दमदार भाषण उतनी ही सराहना उनके फैशन सेंस के कारण होती थी

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लाइफस्टाइल (Janmat News): माथे पर बिंदी, चौड़े बॉर्डर वाली साड़ी और इससे मैच करती हुई जैकेट और गले में मोतियों की माला, ये था भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का सिग्नेचर स्टाइल। संसद में जितनी तारीफ उन्हें उनके दमदार भाषण के लिए मिलती थी उतनी ही सराहना उनके फैशन सेंस की वजह से भी होती थी। बहुत कम महिला पॉलिटिशयन हैं जिनके पास साड़ियों का बेहतरीन कलेक्शन रहा हो। लेकिन जयललिता के बाद सुषमा स्वराज इसी फेहरिस्त में सबसे ऊपर हैं।

जैकेट और साड़ियों से खास लगाव

  1. दिन के मुताबिक चुनती थी साड़ियां : वह प्रत्येक दिन के हिसाब से साड़ियों के रंग का चयन करती थीं। यह कभी भी मिस नहीं होता था..जिस दिन पर जो रंग शुभ माना जाता है, उसी रंग की साड़ियां पहनती थीं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह ज्योतिष में भी काफी विश्वास रखती थीं।

  2. सुषमा स्वराज को साड़ियों और जैकेट से जितना लगाव था उतना ही अलग था इनके पहले का अंदाज। साड़ी पर मैचिंग जैकेट और एक कंधे पर शॉल उनके फैशन स्टाइल का हिस्सा था जो उन्हें अलग बनाता था। संसद से लेकर विदेशी दौरे में भी वह साड़ी और स्वीव-लेस जैकेट में ही नजर आती थीं। उनके पास सबसे ज्यादा कॉटन और सिल्क की साड़ियां थीं।
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  3. उनके जैकेट प्रेम से जुड़ा एक मामला भी है। उदयपुर के राजेश शर्मा नाम के शख्स की बेटी ने फैशन ड्रेस कॉम्पिटीशन में हिस्सा लिया और सुषमा स्वराज की तरह तैयार हुई। बेटी की तस्वीर को राजेश ने सुषमा स्वराज को ट्वीट किया। इस पर उनका जवाब आया, मैं तुम्हारी जैकेट से प्यार करती हूं।

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  4. उनका साड़ी पहनने का अंदाज कितना पॉप्युलर था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बच्चे फैंसी ड्रेस कॉम्पिटीशन में सुषमा स्वराज की तरह दिखना पसंद करते थे। सुषमा स्वराज राजनीति में जितना सक्रिय थीं, त्योहार के मौकों पर उनकी भागीदारी कम नहीं थी। तीज-त्योहार में भी वह पूरी तरह सजना संवरना पसंद करती थीं और समय निकालकर हर रीति-रिवाज में हिस्सा लेती थीं।

  5. खानपान को लेकर उनका रूटीन फिक्स था। वह घर के बने खाने को तरजीह देती थीं। आमतौर पर उन्हें घर के बने मक्खन के साथ परांठा और चाय लेना पसंद था। लेकिन जब वह अपने घर अंबाला जाती थीं तो उन्हें वेद के गोलगप्पे और कालका पूड़ी वाले कचौड़ी खाना नहीं भूलती थी।

  6. कालका पूड़ी वाले अंबाला 1957 से दुकान लगा रहे है। उन दिनों को याद करते हुए दुकानदार बताते हैं कि सुषमा स्वराज को यहां की पूड़ी बहुत पसंद थी बचपन में यहां की पूड़ी का ऐसा स्वाद लगा कि फिर उनकी जुबान से जिंदगी भर ना उतरा। विदेश मंत्री बनने के बाद एक बार अपने इंटरव्यू में भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि वह जब भी अंबाला गईं तो पूड़ी जरूर खाती थीं।

 

Posted By: Priyamvada M