अब पूर्वोत्तर से होगी “भारतीय सेना” की वापसी…

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देश/विदेश (जनमत) :- सेना प्रमुख जनरव मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि पूर्वोत्तर से दो बटालियनों को पहले ही हटाया जा चुका है। बोडोलैंड टेरिटोरियल काउंसिल के चुनाव समाप्त होने के बाद हम और सैनिक कम करेंगे।उन्होंने कहा कि अगले दो से ढाई साल में हम उग्रवाद के खिलाफ अभियान ना चलाकर पारंपरिक युद्ध पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से हालात सुधरे हैं। असम के बोडो इलाके में स्थायी शांति के लिए केंद्र ने असम सरकार व तीन मुख्य विद्रोही गुटों के साथ त्रिपक्षीय समझौता किया। एनडीएफबी से शांति समझौते के बाद भारतीय सेना पूर्वोत्तर से सैनिकों को हटाने की तैयारी कर रही है।

गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में सोमवार को गृह मंत्रालय में हुए समझौते के तहत अब कोई गुट अलग बोडो राज्य की मांग नहीं करेगा। असम के खतरनाक उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के चार गुटों के 1550 विद्रोही 150 हथियारों के साथ 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करेंगे। सरकार हथियार डालने वाले विद्रोहियों के पुनर्वास और क्षेत्र के विकास के लिए 1500 करोड़ का आर्थिक पैकेज देगी। इसी के साथ ही क्षेत्र में शान्ति का माहौल बनाये जाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है.

POsted By :- Ankush Pal