रेलवे के लाखों रूपए ढकार गए “मूषकराज”

देश – विदेश

देश विदेश (जनमत):- भारतीय रेलवे अगर किसी जीव से सब से ज्यादा परेशान है तो वह जीव है चूहा| भारतीय रेलवे ने इन दिनों चूहों के कारण खूब सुर्खियां बटोर रही है। आप देश के किसी भी रेलवे स्टेशन और ट्रैक पर धमाचौकड़ी मचाते  हुए चूहों को अक्सर देखा होगा | वही आप को कभी-कभी तो बहुत ही मोटे चूहे रेल ट्रैक पर दिखाई  देते हैं| यात्रियों के सामान से लेकर यह  रेलवे की संपत्ति को भी खूब नुकसान पहुंचाते हैं।

वही ताजा मामला भारतीय  रेलवे  के चेन्नई मंडल का है| यहाँ पर 1 चूहे  को पकड़ने  के लिए भारतीय रेलवे ने लगभग 22,334 रुपये खर्च किए है।  वही  चेन्नई  रेल  डिवीजन ने  चूहों को पकड़ने के लिए 3 साल में लगभग 6 करोड़ रुपये खर्च किया है इस बात का खुलासा एक आरटीआई रिपोर्ट के जरिए हुआ है। जब इस बारे में डिवीजन के अधिकारियों से पूछा गया तो  उन्होंने ने बतया कि वो पिछले काफी समय से चूहों से परेशान हैं| रेलवे अधिकारियों द्वारा चूहों को पकड़ने पर खर्च की जा रही राशि और उठाए जा रहे उपायों पर सवाल उठाने वाले 1 आरटीआई  को  देश  भर से जवाब मिला कि इस  प्रणाली में करोड़ों का नुकसान हो रहा है।

वर्ष 2016 के मई माह से वर्ष 2019 के अप्रैल माह तक शुरू होने वाले 3 साल के इस प्रक्रिया में 5.89 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। वर्ष 2018 से वर्ष  2019 के बीच के 1 वर्ष की समय पर आफ़िस ने बताया कि इस दौरान कम से कम 2,636 चूहें को पकड़ा गया था। इनमें से  चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एग्मोर, चेंगलपट्टू जंक्शन, तांबरम, जोलरपेट्टई जंक्शन से 1,716  चूहे  पकड़े  गए थे और  927 चूहों को रेलवे कोचिंग सेंटर से पकड़ा गया था। इस प्रकार से एक चूहे को पकड़ने पर अनुमानित व्यय 22,334 रुपये आया। जब कि चेन्नई डिवीजन के आला अधिकारियों ने इस खर्च पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि इस तरह चूहा मारने पर खर्च का औसत निकालना ठीक नहीं है| उन्होंने कहा ये ये गिनती तो उन मरे हुए चूहों की है जिन्हें पकड़ा ही नहीं गया और जो चूहे दवा खा कर कही और जा कर मरे है उन का तो कोई हिसाब ही नहीं है|

इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि 1 चूहे को पकड़ने पर 22 हजार रुपये खर्च हुए| रेलवे अधिकारियों द्वारा चूहों को पकड़ने पर खर्च की जा रही राशि और उठाए जा रहे उपायों पर सवाल उठाने वाले एक आरटीआई को देश भर से जवाब मिला कि इस प्रक्रिया में करोड़ों का नुकसान हो रहा है। वही रेलवे ने चूहों पर अपने बजट से खर्च किया है हालांकि इस की वजह से रेलवे प्रशासन पर आर्थिक बोझ जरुर बढ़ा है लेकिन इस पर भी रेलवे को कही ना कही लाभ भी हो रहा है|

Posted By:- Amitabh Chaubey