पत्रकार मिलकर लड़ेंगे आरोपी के खिलाफ “लड़ाई”…

क्षेत्रीय समाचार

रुड़की (जनमत) :- जन्माष्टमी की देर शाम नगर निगम के समीप गंगा ब्रिज पर एक सूचना के बाद कवरेज के लिए गए इलैक्ट्रोनिक मीडियाकर्मी के साथ पुलिस द्वारा की गयी मारपीट के मामले को लेकर प्रशासनिक भवन में नगर के पत्रकारों की एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में पुलिस टीम द्वारा की गई मारपीट पर कड़ी निंदा व्यक्त करते हुए पत्रकारों ने कहा की पुलिस अधिकारियों द्वारा आरोपी पुलिस टीम पर कार्यवाही ना करना दुर्भाग्यपूर्ण है। पत्रकारों ने बैठक में तय किया कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ मजबूत लड़ाई लड़ी जाएगी। ग़ौरतलब है कि गत 23 अगस्त जन्माष्टमी की देर शाम रुड़की नगर निगम के पास गंगा ब्रिज से एक व्यक्ति द्वारा पुलिस और पत्रकार को सूचना दी गयी कि ब्रिज के पास कुछ असामाजिक तत्व अश्लील हरकतें कर रहे है। इसके लिए तीन लोगो का एक संरक्षण मंडल नियुक्त किया।

सूचना पर जैसे ही पत्रकार मौके पर पहुँचा तो तभी पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी। इसी दौरान रुड़की गंगनहर कोतवाली के एसएसआई रणजीत तोमर व एसआई संजीव ममगई पुलिसकर्मियों के साथ सूचना स्थल पर पहुँचे और बिना घटना को जाने ही सूचना देने वाले व्यक्ति को गाड़ी में डालकर ले जाने लगें। इसके साथ ही कवरेज कर रहे पत्रकार हरिओम गिरी को भी गाड़ी में बैठा लिया और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद सूचना देने वाले व्यक्ति और पत्रकार को कोतवाली ले जाया गया जहां एसएसआई ने हैवानियत का सुबूत देते हुए पत्रकार के साथ खूब मारपीट की। आरोप है कि पत्रकार के सर पर मुँह से काटा भी गया। मीडियाकर्मी को हिरासत में लिए जाने की सूचना पर कुछ मीडियाकर्मी कोतवाली पहुँचे तब पुलिस ने मीडियाकर्मी को छोड़ा। घटना को लेकर अगले दिन पत्रकारों ने रुड़की ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने के अलावा पुलिस के उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत कराया।

हरिद्वार एसएसपी के निर्देश पर एसपी देहात ने घटना की जांच सीओ सिटी चंदन सिंह बिष्ट को सौंपी है। एसएसआई के अमानीय व्यवहार से मीडियाकर्मियों में रोष पनप रहा है। घटना के सम्बन्ध में बुधवार को रुड़की के प्रशासनिक भवन में एक बैठक आहूत की गयी। बैठक में नगर के पत्रकारों ने कहा कि घटना निंदनीय है। पुलिस अधिकारियों द्वारा एसएसआई पर तत्वरित कार्यवाही न किए जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बैठक में निर्णय लिया गया कि न्यायालय से लेकर उच्चाधिकारियों तक मीडियाकर्मी की लड़ाई को लड़ा जाएगा।