उत्तराखंड के मंत्री के आग्रह पर इसरो ने हटाई भूधंसाव की तस्वीरें, जानिए वजह

उत्तराखंड के मंत्री के आग्रह पर इसरो ने हटाई भूधंसाव की तस्वीरें, जानिए वजह

उत्तराखंड स्पेशल न्यूज़

उत्तराखंड (जनमत ) :- उत्तराखंड से बड़ी खबर मिली है। हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें जारी की थी और रिपोर्ट जारी करते हुए बताया कि 12 दिन में जोशीमठ की जमीन 5.4 सेंटीमीटर धंसी है। इसरो के नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर की ओर से सैटेलाइट इमेज जारी की गई थी। अब उत्तराखंड सरकार के मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के कहने पर इसरो ने जोशीमठ भू-धंसाव की सेटेलाइट तस्वीरें हटा दी हैं। डॉ. रावत चमोली जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं, और वर्तमान में जोशीमठ में कैंप कर रहे हैं।

मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने यह जानकारी दी। बताया कि उनके द्वारा इसरो के निदेशक से इस मामले को लेकर आग्रह किया गया था। मंत्री के द्वारा कहा गया था कि इन तस्‍वीरों में राज्‍य में भय का माहौल पैदा हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि इसे लेकर अधिकृत बयान जारी करो या फ‍िर केंद्र सरकार या राज्‍य सरकार को बताइए। जिसके बाद इसरो द्वारा उक्‍त तस्‍वीरें वेबसाइट से हटवा दी गई।
उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री, धन सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने एनआरएससी-इसरो के निदेशक से बात की। कहा कि वे इस समय ऐसी रिपोर्ट कैसे जारी कर सकते हैं। चमोली के जोशीमठ में भूधंसाव को लेकर निरंतर चौंकाने वाली जानकारी सामने आ रही है।

ISRO ने तस्वीरों को जारी कर बताया, 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी 2023 के बीच 5.4 सेंटीमीटर के भूधंसाव को रिकॉर्ड किया गया है। अप्रैल 2022 और नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में 9 सेंटीमीटर की धीमी गिरावट देखी गई।

एनएसआरसी ने कहा कि पिछले सप्ताह दिसंबर और जनवरी के पहले सप्ताह के बीच तेजी से धंसने की घटना शुरू हुई थ। सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि आर्मी हेलीपैड और नरसिंह मंदिर सहित सेंट्रल जोशीमठ में सबसिडेंस जोन स्थित है। सबसे अधिक धंसाव जोशीमठ-औली रोड के पास 2,180 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। बता दें कि 2022 में अप्रैल और नवंबर के बीच जोशीमठ में 8.9 सेमी का धीमा धंसाव दर्ज किया गया।
आपको बता दें कि जोशीमठ में गुरुवार (12 जनवरी) को दो होटलों को गिराने का काम शुरू किया गया, लेकिन खराब मौसम के कारण विध्वंस को बीच में ही रोकना पड़ा। इससे पहले, स्थानीय लोगों और निवासियों के विरोध के कारण कुछ दिनों के लिए तोड़फोड़ को रोक दिया गया था। प्रशासन ने बताया है कि जोशीमठ में अभी सिर्फ होटल ‘मलारी इन’ और ‘माउंट व्यू’ को ही ध्वस्त किया जाएगा।

वहीं आपदा प्रबन्धन डा. रंजीत कुमार सिन्हा ने गुरूवार को जोशीमठ नगर क्षेत्र में हो रहे भू-धंसाव एवं भूस्खलन के उपरान्त राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे राहत एवं बचाव, स्थायी/अस्थायी पुनर्वास आदि से सम्बन्धित किये जा रहे कार्यो की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार द्वारा प्रभावितों को दिए गए हर प्रकार के राहत के आश्वासन को पूरा करते हुए विस्थापन हेतु अंतरिम राहत के रूप में 42 परिवारों को 63 लाख रूपये की धनराशि वितरित कर दी गयी है। सीबीआरआई द्वारा धवस्तीरण से नुकसान का आंकलन, जिन आवासों/भवनों का धवस्त किया जाना है, का निगरानी और अस्थायी पुनर्वास किये जाने हेतु प्री फेब हट की डिजाईन तैयार की जा रही है।

सीबीआरआई की टीम आज जोशीमठ पहुंच गयी तथा क्षतिग्रस्त भवन का सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। वर्तमान समय में जोशीमठ में एनडीआरएफ की 02 टुकड़ियां तैनात की गई है तथा जोशीमठ क्षेत्र हेतु एक टुकड़ी और रवाना की जा रही है। जोशीमठ में एसडीआरएफ की 08 टुकड़ियां तैनात की गई है। इसके साथ ही आकस्मिक स्थिति हेतु सेना, आईटीबीपी के हैलीकाॅप्टर तैनात किए गए है। आईआईटी रूड़की द्वारा भू-तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है। आईआईआरएस द्वारा लैण्ड मूवमेन्ट का सैटेलाइट फोटोग्राफस उपलब्ध कराये जायेंगे।

सचिव आपदा प्रबन्धन ने जानकारी दी कि अभी तक 760 भवनों की संख्या जिनमें दरारें दृष्टिगत हुई है। उन्होनें जानकारी दी कि गांधीनगर में 01, सिंहधार में 02, मनोहरबाग में 05, सुनील में 07 क्षेत्र / वार्ड असुरक्षित घोषित किए गए हैं। 128 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। 145 परिवार सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किये गये है। विस्थापित परिवार के सदस्यों की संख्या 589 है।

Reported By :- Rohit Goyal

Published By :- Vishal Mishra