अमृत सरोवर योजना में दिखा “भ्रष्टाचार” का खेल…

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चंदौली :-  यूपी के चंदौली जिले  से भ्रष्टाचार  का मामला सामने आया है. जहाँ एक तरफ केन्द्र सरकार गरीबों के लिए कई कल्याणकारी योजना चला रही है जिससे गरीबों को मुख्य धारा में लाया जा सके। सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं में मनरेगा योजना गरीब जनता के लिए काफी हद तक हितकारी साबित हो रही है लेकिन  भ्रष्टाचार के चलते लोगो को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है. हाल ही में योगी सरकार ने लगातार गिरते भूजलस्तर को देखते हुए जलसंचय के लिए अमृत सरोवर योजना कि शुरुआत की ताकि अमृत सरोवर योजना के तहत तालाब,  पोखरों की खुदाई व सुंदरीकरण कर कर बड़े पैमाने पर जल संचय किया जा सके।

दरअसल पूरा मामला शहाबगंज विकास खण्ड क्षेत्र के बरांव गाँव का है और अमृत सरोवर योजना से जुड़ा है। इस योजना के तहत चयनित तालाब की खुदाई मनरेगा मजदूरों से कराई जा रही है। वहीँ  मौके पर पहुचने पर  कई प्रकार की खामियां देखने को मिली जिसमे मस्टरोल से लेकर मौदूरो की उपस्थिति आदि को लेकर भी खेल चलता नज़र आया. वहीं महिला मेठ और तकनीकी सहायक से काम की जानकारी पर बताया गया की काम गाँव में सिर्फ एक साईड पर चल रहा है जबकि कागज के हिसाब से गाँव में तीन साईड पर काम चल रहा है। वहीँ बकौल जिलाधिकारी से मनरेगा गाइडलाइन के अंतर्गत बहुत स्पष्ट है कि जो लेबर है उनका मस्टररोल में उपस्थिति दर्ज की जाय।तदनुसार उनका विजिट दर्ज करते हुए भुगतान किया जाएगा । वो भी बिना किसी विलंब के। इस संबंध में जो शिकायत प्राप्त हुई है जांच के लिए टीम बनाई गई है उसके बाद सत्यापन कराया जाएगा। अगर कोई अनियमितता प्राप्त होती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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