महर्षि वाल्मीकि जयंती से पहले दलित की जलाकर हत्या से मची सनसनी

CRIME UP Special News

अमेठी (जनमत):- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश में 31 अक्टूबर को महाऋषि वाल्मीकि जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जाएगी। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाऋषि वाल्मीकि की जयंती के अवसर पर जनपद चित्रकूट  में आयोजित एक समारोह में शिरकत करेंगे। जयंती से पहले ही सूबे के जनपद अमेठी में एक दलित प्रधानपति की बड़ी बेरहमी से जलाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया है। सनसनीखेज वारदात के बाद अमेठी से लेकर राजधानी लखनऊ में भी हड़कम्प मचा हुआ है। जिन दलितों पर उत्तर प्रदेश की राजनीति केंद्रित है उन्ही दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं भी लगातार बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी की सरकार में भी दलित उत्पीड़न बढ़ा तो भारतीय जनता पार्टी ने इस मुद्दे को भुनाते हुए सूबे की सत्ता पर काबिज हो गई।

हालांकि योगी सरकार में तो दलितों के साथ होने वाले सारे अपराधों ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। चाहे दलित की बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात के बाद उसकी हत्या करने का मामला रहा हो या फिर दलित वर्ग के लोगों की मामूली कहासुनी के बाद उनकी हत्या करने की खबर रही हो। दलित वर्ग के साथ अपराध इस कद्र बढे कि उसकी गूँज विदेशों में भी सुनाई दी।

हालांकि ऐसे अपराधों पर योगी सरकार ने लगाम लगान की बात भी कही लेकिन हकीकत सीएम योगी के दावे से काफी अलग है। चुनाव करीब है ऐसे में दलितों को साधने की कवायद सभी पार्टियों ने अपने – अपने स्तर पर शुरू कर दी है। सीएम योगी ने तो दलित महर्षि वाल्मीकि जयंती को 31 अक्टूबर को प्रदेश में धूमधाम से मनाने का निर्देश भी जारी कर दिया। खुद वह भी जयंती से संबंधित चित्रकूट में आयोजित समारोह में हिस्सा लेंगे। ऐसे आयोजन से पहले ही सूबे के जनपद अमेठी में दलित प्रधानपति की जलाकर हत्या करने की घटना ने सनसनी फैला दी।

जिस प्रधानपति के जलाकर हत्या हुई है उसका नाम अर्जुन था। अर्जुन मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के बंदोईया गांव का रहने वाला है। प्रधानपति अर्जुन गुरुवार की शाम 7 से लापता था। काफी खोजने के बाद भी जब उसका पता नहीं लगा तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इसी बीच परिजनों को खबर लगी कि अर्जुन बुरी तरह से जल चुका है और उसको निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि बाद में परिजनों को पता लगा कि अर्जुन की मौत हो चुकी है। परिजन सीताराम गुरुजी ने बताया कि अर्जुन शाम 7 बजे से ग़ायब था। सीताराम ने बताया कि एक पण्डित जी के हाते में अर्जुन जला हुआ मिला था। वही से उसको हॉस्पिटल ले जाया गया और बाद में उसकी मौत हो गई। सीताराम गुरूजी ने बताया कि बड़ी बेरहमी से अर्जुन की जलाकर हत्या हुई है। इसके पीछे की उन्होंने वजह बताई कि दलितों और बैकवर्ड को दबाने की साज़िश के तहत वारदात को अंजाम दिया गया है। परिजन गुरूजी ने ऐसे आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त क़ानूनी कार्रवाई की मांग की है।

Posted By:- Amitabh Chaubey

Reported By:-Ram Mishra