किसान बिल के विरोध में शुरू हुई देश में किसान क्रान्ति

UP Special News

संभल (जनमत):- किसान अध्यादेश के विरोध में उत्तर प्रदेश के किसानों ने एक बार से आन्दोलन की राह पकड़ ली है। इसी कड़ी में जनपद संभल के किसानों ने भी भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले दिल्ली कूच के लिए सड़को पर उतर आएं। इस बीच पुलिस बल ने किसानों को रोकने का प्रयास किया तो किसानों के हुजूम ने हाईवे पर सड़क जामकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। राज्यसभा में पास हो चुके किसान अध्यादेश बिल को लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने तमाम तरह के दावे किये थे। सरकारों ने किसानों को बहुत समझाने का भी प्रयास किया था कि बिल से उनका कोई नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा ही होगा।

हालांकि इस मुद्दे पर सरकार की तमाम कवायदें अब विफल साबित हो चुकी है और देश के किसानों ने एक बार फिर से आंदोलन की राह पकड़ ली है। देश के अलग हिस्सों में किसानों के हो रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में भी हजारों किसानों की भीड़ ने दिल्ली कूच कर दिया। योजना है कि दिल्ली में एकजुट होकर देश के किसान – किसान अध्यादेश बिल का विरोध करेंगे। हालांकि संभल की बात की जाये तो पुलिस बल ने किसानों को दिल्ली जाने से पहले ही रोक दिया। जिसके कारण नाराज़ किसानों ने संभल में दिल्ली हाईवे पर चौधरी सराय पुलिस चौकी के पास सड़क जाम कर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। दरसअल किसान दिल्ली में होने जा रहे दो दिवसीय आंदोलन में शामिल होने जा रहे थे। दो दिवसीय आंदोलन के दौरान दिल्ली में देशभर के किसान एकजुट होंगे और बिल के विरोध में सरकार से अपनी नाराज़गी दिखाएंगे।

हालांकि दिल्ली कूच करने से पहले ही पुलिस बल ने किसानों को यहाँ रोक दिया जिसके कारण किसानों ने हाइवे रोड को जामकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारी किसानों का नेतृत्व कर रहे चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि  लॉकडाउन लगाकर सरकार ने राज्यसभा में किसान विरोधी बिल को पास करा लिया। इस बिल के तहत के किसानों की जमीन को बड़े – बड़े कॉरपोरेट घराने को देना का सरकार ने फैसला किया है। इसी बिल का किसान विरोध कर रहे है। चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि किसान जागरूक हो चुके है और इस काले कानून को लागू नहीं होने देंगे। किसान नेता का कहना है कि अगर सरकार कानून लागू करना चाहती है तो हमारा भी कानून उसमे जोड़ दें और एमएसपी गारण्टी योजना को लागू करें। अगर बिना इस कानून के अध्यादेश को पारित करेंगे तो देश का पूरा किसान सड़क पर होगा और अब किसान क्रांति होगी।

किसान नेता ने बताया कि भारत में अब किसानों की नई आज़ादी की लड़ाई छिड़ चुकी है और यह रुकने वाली नहीं है। अगर कोई तानाशाही सरकार इस तरह का कार्य करती है तो गलत है। इस देश का कोई बादशाह नहीं है अब यह लोकतान्त्रिक देश है और सरकार को हम चुनते है। चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि एक गरीब इंसान के वोट की कीमत और बड़ी – बड़ी कोठी में रहने वाले इंसान के वोट की कीमत एक ही है। मुकेश अम्बानी और हमारे वोट की कीमत एक है। देश में 65 प्रतिशत आबादी हमारी है और खजाने में भी 65 प्रतिशत की भागेदारी है। अगर सरकार इसमें से दो परशेंट देगी तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। पाई पाई का हिसाब लिया जायेगा और सरकार से हम लड़ेंगे। चौधरी हरपाल सिंह ने बताया कि  राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों की यह लड़ाई सरकार से लड़ी जाएगी।

Posted By:- Amitabh Chaubey