राष्ट्रपति ने समाजसेवी मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया

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अयोध्या(जनमत):- राष्ट्रपति भवन दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होने के बाद अपने अपने गृह जनपद अयोध्या पहुंचे ‘लावारिस शवों के मसीहा’ कहे जाने वाले समाजसेवी मोहम्मद शरीफ चाचा का भव्य स्वागत अयोध्या कैन्ट रेलवे स्टेशन पर किया गया। मानवीय संवेदना पर किए गए उनके कामों के लिए साल 2019 में पद्मश्री से नवाजे जाने की घोषणा केंद्र सरकार ने की थी लेकिन कोविड संक्रमण के चलते यह अवार्ड उन्हें मिल नहीं सका था।

दरसअल 2 साल के बाद उन्हे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्मश्री अवार्ड देकर सम्मानित किया।राष्ट्रपति भवन में पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होने के बाद शरीफ चाचा अयोध्या लौटे हैं। उन्होंने बीते 28 सालों के बीच करीब तीन हजार से ज्यादा लावारिस शवों का विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाया है, जिनमें से 1 हजार हिंदू और दो हजार मुस्लिमों के शव शामिल हैं। वही पद्मश्री से सम्मानित होने के बाद शरीफ चाचा ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित सम्मान मिलने के बाद मुझे अब यह महसूस हो रहा है कि मोदी सरकार में समाज सेवा की कद्र है। राष्ट्रपति जी ने अवार्ड देते समय मेरे काम की तारीफ की और इससे बेहद खुश हुए थे।

28 साल की सेवा का प्रतिफल हमें मिला है। उन्होंने कहा कि जब तक उनके शरीर में ताकत है, वह लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते रहेंगे। आगे उनके परिवारीजन इस सेवा कार्य को आगे बढ़ाएंगे, ऐसा उनको भरोसा है।मो शरीफ ने कहा कि उनके समाजसेवा के काम में तमाम लोगों ने भी मदद की। ईमानदारी से अच्छा काम करने पर लोगों का सहयोग मिलता है। लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करने का जो बीड़ा उन्होंने तीन दशक पहले उठाया था, उसे पूरा करने के दौरान कई कटु अनुभवों का भी एहसास किया।

उन्होंने सरकार से पेंशन के तौर पर रेगुलर आर्थिक मदद और मकान की मांग की है। उन्होंने कहा कि शासन से उन्हें आश्वासन मिला है लेकिन यह कब लागू होगा इसका पता नहीं है।शरीफ ने कहा कि उनके बेटे की सुलतानपुर में हत्या कर दी गई थी। उसका शव पुलिस ने बरामद किया था और लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया था। उसी के बाद उन्होंने लावारिस शवों का अपने स्तर पर अंतिम संस्कार करने की शपथ ली थी।

Posted By:- Amitabh Chaubey

Reported By:- Azam Khan