लखनऊ (जनमत):- कोरोना से बढ़ते मामलों और आइसोलेशन बेड की बढ़ती मांग को देखते हुए भारतीय रेलवे ने आइसोलेशन कोच को तैनात किया है। भारतीय रेलवे ने इस कोरोना लड़ाई में कई सारी कोचों को कोविड केयर सेन्टर में परिवर्तित करने के लिये कोचों में कुछ जरुरी बदलाव कर तैयार कर दिया है। लखनऊ मण्डल के सवारी एवं मालडिब्बा विभाग (समाडि) ने निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष में 50 साधारण कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर दिया था।
अधिकारियों के मुताबिक, आने वाले समय में यह संख्या बड़ाई भी जा सकती है| केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इन कोचों के प्रबन्धन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल पर सेवित कुल 04 स्टेशनों- गोण्डा जंक्शन, बहराइच, नौतनवा (जिला महाराजगंज) तथा गोरखपुर स्थित नकहा जंगल स्टेशनों पर रेलवे कोच कोविड केयर सेन्टर लगाये जाने का निर्णय लिया गया है, वही रेलवे प्रशासन द्वारा उक्त स्टेशनों पर आइसोलेशन कोच की रेकों को पहुचा दिया गया है साथ साथ इन कोचों को सेनिटाइजेशन भी कर दिया गया है।
आप को बता दे कि कोविड केयर सेन्टर के रूप में प्रयोग किये जाने वाले इन कोचों में Mild & Very Mild Covid मरीजों को राज्य सरकार द्वारा आवश्यकता पड़ने पर रखा जायेगा। आने वाले समय में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए साफ-सफाई एवं डिस्इंफेक्शन के उपरान्त इन कोचों को पूर्वोत्तर रेलवे के नामित 04 स्टेशनों पर मांग के अनुसार खड़ा किया जा चुका है। इन रेकों में जाने के लिए अलग से प्रवेश तथा निकास की सुविधा दी जाएगी।
आम रेल यात्रियों का इन प्लेटफार्म पर जाना प्रतिबंधित रहेगा। मंडल प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्टेशन पर नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है जो की सम्बंधित जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी से समन्वय स्थापित करेंगे। जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों और रेलवे के नोडल अधिकारियों के द्वारा रेलवे कोच कोविड केयर की रेकों का निरीक्षण किया जा चुका है। प्रत्येक रेक में कुल 12 कोच लगाये गये है। कोच की स्टैण्डर्ड संरचना में 10 कोच-कोविड केयर सेन्टर, एक सेकेण्ड ए.सी.कोच एवं एक एस.एल.आर. लगाया गया है। एक कोच में 08 केबिन बनाये गये है।
सभी कोच में पारदर्शी प्लास्टिक के पर्दे, प्रत्येक कोच में बने आइसोलेशन वार्ड में पहला केबिन चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए जिसमें मरीजों के लिए अक्सीजन की सुविधा, दवा, उपकरण आदि उपलब्ध रहेगें। अन्य आठ केबिन रोगियों के लिए तैयार किए गए हैं। आइसोलेशन वार्ड में भारतीय शैली के शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया गया है। मच्छरों के प्रवेश से बचने के लिए मच्छरदानी उपलब्ध कराई गयी है तथा उचित वेंटिलेशन भी दिया गया है।
हर एक केबिन में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा एवं खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ को खत्म करने के लिए फुट पैडल आपरेटेड ढक्कनदार तीन अलग-अलग डस्टबिन (लाल, नीला, पीला) प्रदान किये गये है। आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को उच्चतर इलाज हेतु सम्बद्ध कोविड हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया जायेगा। रेलवे प्रशासन इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के सहयोग के लिये प्रतिबद्व है। गौरतलब है कि रेलवे ने अपने रेल डिब्बों को वेंटीलेटर, टॉयलेट और कई सुविधाओं के साथ कोविड केयर सेंटर में बदल दिया है।