पुनर्जन्म की “अनोखी कहानी”…

UP Special News

मैनपुरी (जनमत):- बचपन मे आप हम सबने किस्सों और कहानियों में अपने बुजुर्गों से पुनर्जन्म की बातें खूब सुनी थी लेकिन आज ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला जिला मैनपुरी के एक गांव से देखने को मिला।जहां आठ साल पहले काल के गाल मे समाए बच्चें ने पुनः जन्म लेकर अपने गांव पहुच परिजनों से मिलकर अपने पिछले जीवन की दास्तां बयां करनी शुरू कर दी जिसके बाद  हर कोई स्तब्ध हो गया। हालांकि विज्ञान पुनर्जन्म जैसी बातों को नही मानता लेकिन यह घटना विज्ञान के लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं.

क्या था मामला

आपको बता दे कि जिला मैनपुरी के थाना औछा क्षेत्र के गांव अमर सिंह मे रामनरेश के घर 2013 में एक बालक ने जन्म लिया जिसका नाम  चंद्रवीर है। बालक जब बोलने और पढ़ने लायक हुआ तो  गांव के स्कूल मे दाखिला करा दिया। लेकिन बच्चा अपनी पुनर्जन्म की बातें बताता रहता था। साथ खेलने बाले बच्चे जब परेशान करते तो चंद्रवीर नहर में डूबने की बात करता परिजन परेशान हो जाते और नहर की ओर भागने नही देते। बीते दो दिन पहले चंद्रवीर के पिता नाई की दुकान पर कटिंग करा रहे थे। उन्होंने बच्चे की घटनाओं का जिक्र किया तो कटिंग कर रहे व्यक्ति ने बताया कि मेरे बेटे की मौत 2013 में हुई थी।  जब वह नहर में नहाने के लिए गया था और उसी में डूब गया इस बात को सुनकर रामनरेश के पैरों तले ज़मीन खिसक गयी.   जिसके बाद परिवारवालों को पूरा मामला सुनाया और सबकी आँखें खुली की खुली रह गयीं.

2013 मे हुई थी बच्चे की मौत 

जिसके बाद गांव नगला सलेही निवासी प्रमोद कुमार ने बताया उनके बेटे रोहित कुमार की मौत पानी मे डूबने से हुई थी जब वह नहर पर नहाने बच्चो के साथ चला गया था। यह परिवार तब से टूट गया था और बमुश्किल गम से बाहर निकला था और अपनी इकलौती बेटी के सहारे जीवन व्यतीत कर रहा था। जिसके बाद रामनरेश अपने बच्चे को दूसरे दिन परिवार की सहमति से गांव सलेही लेकर पहुचें  जहां पर प्रमोद और  उनकी पत्नी और  बेटी को एक पल में ही बालक ने पहिचान लिया और मां और पिता और बहिन कहकर  पुकारा ….बच्चे को सभी ने गले से लगा लिया और रोने लगे एक पल में 8 साल पुरानी यादें ताजा हो गई। वह सभी दृश्य एक पल में तरोताजा हो गए और आंखों से आंसू छलकने लगे। यह समझ में नहीं आ रहा था कि यह वही मेरा बेटा है या सिर्फ आंखों का धोखा है।

चंद्रवीर ने पढ़ाने बाले गुरु को पहचाना

अपने पिछले जीवन में रोहित के नाम से पैदा हुआ  चंद्रवीर जब गली से गुजर रहा था। विद्यालय देख अपने यहां पढ़ने की बात बताई तो वहाँ पहुँचे प्रधानाचार्य सुभाष यादव को देखते ही पहचान लिया और अपनी पिछली बाते बताई और उनके पैर छूकर गुरु का आशीर्वाद लिया। वास्तव में घटना सभी लिए मनो एक पहली बनी हैं लेकिन इस दुनिया में कुछ ऐसे भी सावल हैं जिनका जवाब एक सावल ही है…

PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL…                    

REPORT- GAURAV PANDEY… .