नाम के आगे तो राम था लेकिन… असल में निकला हैवान

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लखनऊ (जनमत):- बच्चों का यौन शोषण कर उनकी  पॉर्न फिल्मों का ऑनलाइन कारोबार करने वाले सिचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर रामभवन की रिमांड पर बुधवार को सुनवाई नहीं हो सकी। यह जरूर है कि उत्तर प्रदेश में जनपद बांदा के एडीजे पंचम ने मामले की सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख मुकर्रर की है। आरोपी की पेशी के दौरान बांदा की कोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था।

इससे पहले सीबीआई की विशेष टीम ने सिचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर हैवान रामभवन को चित्रकूट से मंगलवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के वक्त आरोपी के कब्जे से सीबीआई की टीम ने 8 लाख रूपये की नगदी के साथ ही सेक्स टॉय, लैपटॉप, कई मोबाईल फोन और बच्चों के यौन शोषण से जुडी कई अश्लील सामग्री बरामद की थी। रामभवन पर 50 से अधिक बच्चों का यौन शोषण करने का आरोप है। इस मामले की न तो किसी ने एफआईआर कराई थी और न ही शिकायत। सीबीआई ने स्वतः ही इस मामले को संज्ञान में लिया और इसकी दिल्ली स्थित ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लॉयटेशन प्रिवेंशन इन्वेस्टीगेशन यूनिट बच्चों के यौन शोषण संबंधित मामले की जाँच कर रही है। माना जा रहा है कि आरोपी जूनियर इंजीनियर राम भवन की हरकतों के शिकार बने बच्चों को भी तलाशा जायेगा। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को सीबीआई की टीम को आरोपी से पूछताछ के लिए रिमांड मिल जाएगी।

शुरुआती जाँच और आरोपी से पूछताछ में जो तथ्य निकल कर सामने आये है उससे यही यही लगता है कि रामभवन ऑनलाइन विदेशियों के सम्पर्क में था। इन्ही सम्पर्को के माध्यम से वह बच्चों के यौन शोषण की पॉर्न फिल्मों का कारोबार करता था। रामभवन के नेटवर्क को खंगालने के लिए ही सीबीआई की टीम बुधवार को भी चित्रकूट में डटी रही। बच्चों के यौन शोषण करने का आरोपी रामभवन मूलरूप से उत्तर प्रदेश में जनपद बांदा के खरोंच गांव का रहने वाला है। हाल – फिलहाल आरोपी रामभवन अपने परिवार के साथ नरैनी के अतर्रा रोड स्थित पॉवर हॉउस के पास रहने लगा था। घर में आरोपी जेई के बड़े भाई रामप्रकाश और राजा रहते है। सूत्रों के मुताबिक 45 वर्षीय रामभवन की तैनाती कर्वी में 2009-10 में हुई थी। उसकी शादी 2004 में दुर्गावती देवी के साथ हुई थी।

अर्जुन सहायक परियोजना महोबा और रसिन बांध परियोजना चित्रकूट का काम देख रहा रामभवन एसडीएम कार्यालय के पीछे की बस्ती में किराए के घर में रह रहा था। सूत्रों के मुताबिक उसे सिंचाई कॉलोनी में आवास आवंटित था लेकिन वह कॉलोनी के बाहर ही रहा। चित्रकूट में पोस्टिंग के शुरुआती दिनों में उसने आफिस के पास ही सिकरी गांव निवासी कक्कू सिंह का घर किराए पर लिया था। कक्कू सिंह ने बताया कि रामभवन को घर किराए पर देने के कुछ दिन बाद ही पड़ोसियों ने घर में संदिग्ध गतिविधियोंं की शिकायत की। कुक्कू ने बताया कि आरोपी रामभवन ने घर में खाना बनाने वाली एक महिला को रक्खा था। इस दौरान उस महिला को दो बेटियां भी घर आती थी। स्थानीय लोगों के विरोध और संदिग्ध आचरण के चलते बाद में उससे घर खाली करा लिया था।

बच्चों के यौन शोषण से जुड़ा मामला पहली बार 2 नवंबर को चर्चा में आया जब सीबीआई की टीम ने छापा मारा। टीम चार दिन तक चित्रकूट में डेरा डाले रही। पहले दिन सीबीआई अफसरों ने सिंचाई विभाग निर्माण खंड में तैनात सहायक अभियंता राम प्रसाद से जूनियर इंजीनियर रामभवन के बारे में जानकारी ली। उन्हीं के माध्यम से राम भवन को बुलवाया और उसके ड्राइवर अभय को भी पकड़ा। दोनों स हुई पूछताछ के बाद मामले की दर – परत दर खुलती गई। हालांकि इस मामले की तह तक जाने के लिए सीबीआई की टीम को और वक्त चाहिए यही वजह ही कि सीबीआई की टीम उसे ज्यादा से ज्यादा दिन की रिमाण्ड पर लेने का प्रयास करेगी।

 Amitabh Chaubey (Janmat News)