अपनों ने नहीं दिया शव को कंधा…. यूपी पुलिस के जवान ने कराया “अंतिम संस्कार”….

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मुरादाबाद (जनमत) :-  यूपी के मुरादाबाद के नागफनी थाना क्षेत्र में रहने वाले टेलर राकेश के छोटे भाई मुकेश की अचानक दो दिन पहले तबीयत बिगड़ गई थी, राकेश ने अपने भाई को मुरादाबाद के जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया था, जहां डॉक्टरों ने मुकेश का कोरोना जांच के लिये सैंपल लेकर जांच के लिए भेजकर मुकेश का इलाज शुरू कर दिया था, लेकिन इलाज शुरू होने के कुछ देर बाद ही मुकेश की मौत हो गई, अपने भाई की मौत से टूटे राकेश अपने भाई मुकेश का शव लेने ज़िला अस्पताल पहुंचे, वहां इमरजेंसी में तैनात स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ ने मुकेश का शव उसी के घर की चादर में लपेट कर राकेश को सौप दिया, शव देने की जल्दबाज़ी में स्टाफ़ ने मुकेश के हाथ मे ग्लूकोस की बोतल चढ़ाने के लिए लगाए गए कैनुला भी नहीं निकाला, और नही शव को निशुल्क शव वाहन से घर या शमशान घाट भेजा, नही अस्पताल के डॉक्टर या किस स्टाफ़ ने कोरोना संदिग्ध मानकर मुकेश की मौत के बाद कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया।

राकेश अपने दोनों भतीजों के साथ अपने भाई मुकेश का शव ई रिक्शा से लेकर थाना मुगलपुरा क्षेत्र के लाल बाग स्थित श्मशान घाट पहुंचा, राकेश ने रास्ते से ही मोबाइल फोन से कॉल कर सभी करीबी रिश्तेदारों को अपने भाई मुकेश की मौत होने की सूचना दे दी थी और उनसे अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचने का अनुरोध किया था, लेकिन कोरोना की डर की वजह से राकेश के बताने के बाद भी कोई भी परिचित श्मशान घा

ट नहीं पहुंचा, ई रिक्शा से मुगलपुरा क्षेत्र के लालबाग श्मशान घाट के पास पहुंचे राकेश ने मुकेश का शव वहां पीपल के पेड़ के नीचे बने चबूतरे के रिक्शा से उतार लिया, राकेश और उसके भतीजे अपने परिजनों को कॉल कर अंतिम संस्कार के लिये शमशान घाट बुलाने लगे, लेकिन मजबूर बेबस भाई अपने दो भतीजों के साथ कई घंटे तक अपने सगे भाई की लाश के साथ बेबस खड़ा इंतेज़ार करता रहा कि कोई चौथा व्यक्ति आकर उसके भाई की अर्थी को कंधा देकर शमशान घाट में लगी चिता तक पहुंचा दे, लेकिन राकेश का कोई भी करीबी उसके पास नहीं पहुंचा और आसपास खड़े तमाशबीन लोगों की भीड़ में से भी किसी ने निकलकर राकेश कि उसके भाई की अर्थी को कंधा देकर चिता तक पहुंचाने में मदद नहीं की।

सूचना मिलने पर लाल बाग पुलिस चौकी के चौकी इंचार्ज और कॉन्स्टेबल अरुण कुमार राकेश के पास पहुंचे और उससे पूछताछ की, राकेश ने पुलिस को पूरी दास्तान बताई, तब पुलिस ने वहां खड़े लोगों से चिता में कंधा देने के लिये मदद करने की अपील की, लेकिन किसी ने भी मजबूर भाई की और उसके बेटों की कोई मदद नहीं की, तब वहां खड़े हालात का जायज़ा ले रहे थाना मुगलपुरा में तैनात कांस्टेबल अरुण कुमार ने राकेश का चौथा बेटा बनकर उसके भाई की अर्थी में चौथे कंधा देने की बात कही, अरुण ने अपने परिचित को कॉल की जो बिजली विभाग में लाइनमैन के पद पर कार्यरत है।

अरुण ने उससे अल्मुनियम की छोटी सीढ़ी मंगवाई और उस पर वही सड़क पर अर्थी तैयार कर राकेश के भाई मुकेश का शव उस पर रखा, उसके बाद राकेश अपने दोनों भतीजों और पुलिसकर्मी अरुण कुमार के साथ चारों लोगो के कंधों पर अपने सगे भाई की अर्थी को लालबाग शमशान घाट लेकर पहुंचा और वहां जाकर शव का हिंदू धर्म के रीति रिवाजों से अंतिम संस्कार किया, अब लोग अरुण कुमार की मुकेश के शव के लिए अर्थी की व्यवस्था कराने और शव को कंधा देकर श्मशान घाट तक पहुंचाने की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं, जिसके बाद अब मुरादाबाद के लोग अरुण कुमार को इंसानियत का फरिश्ता बताकर कर उन्हें शाबाशी दे रहे हैं।

PUBLISHED BY :- ANKUSH PAL…

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