इन दिनों हिंदी साहित्य जगत में एक युवा कवि की रचनाओं ने धूम मचा रखी है जिनका नाम है सुयश कुमार द्विवेदी…. इनकी ओजेस्वी और प्रेरणादायक कवितायेँ जहाँ हृदयविदारक है वहीँ कहीं न कहीं आम जनमानस से खुद को जोड़ने का प्रयास भी करती है, आईये रुबरु होतें है इनकी कृतियों से —
“वर्षा कितनी मनभावन है”
वर्षा कितनी मनभावन है,
वर्षा कितनी मनभावन है,
हर बूंद है अमृत से परिपूर्ण,
हर बूंद है जीवन का प्रतीक,
हर कष्ट को करती हमसे दूर,
हर मन को करती यह विभोर;
यह कितनी शीतल,पावन है!
वर्षा कितनी मनभावन है,
कृषकों का जीवन यह ऋतु है,
यह जीवन है, यह अमृत है,
सौंदर्य की प्रतिमूर्ति यह,
सारे गुण इसमें समाहित है;
कृषकों का जीवन, तन मन है;
वर्षा कितनी मनभावन है,
खुशियों को ये संग लिए हुए,
रिमझिम रिमझिम ये किये हुए,
ग्रीष्म ऋतु को करे विदा,
संदेश अनोखा लिए हुए;
लेकर आता ये सावन है,
वर्षा कितनी मनभावन है,
यह ऋतु कितना सुख देती है!
सबके दुःख ये हर लेती है,
अस्त्तित्व खुद का समाप्त कर,
एक सुखद सवेरा देती है;
देती संदेश,नव जीवन है,
वर्षा कितनी मनभावन है,
सुयश कुमार द्विवेदी
दिल्ली
Mob 9999255924