एक शाम देश की “नींव” रखने वालों के नाम….

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एक्सक्लूसिव न्यूज़(जनमत) आज 1 मई को विश्वभर के लगभग सभी देशों में मजदूर दिवस मनाया जाता है। दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में 1 मई को राष्ट्रीय छुट्टी होती है। मजदूर दिवस के दिन सभी कंपनियों में मजदूरों को छुट्टी मिलती है| भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों के सम्मान में मनाया जाता है। भारत में इसका प्रारंभ लेबर किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान  ने 1 मई 1923 को चेन्नई से की थी। जबकी अंतराष्‍ट्रीय तौर पर मजदूर दिवस मनाने की शुरुआत 1 मई 1886 को हुई थी।

पुराने समय में मजदूर एवं कामगार वर्ग की स्थिति बहुत जयादा दयनीय थी। मजदूरों को दिन में 10 से 15 घंटे काम कराया जाता था। कार्यस्थल इतने विषम और प्रतिकूल होते थे की वहां आए दिन काम करने के दौरान ही मजदूरों की अचानक मौत की घटनाएं होती रहती थीं। इन्हीं  हालात के चलते अमेरिका में कुछ मजदूर “समस्या निवारण संघ” और “समाजवादी संघ’ द्वारा मजदूरों के कल्याण के लिए आवाज़ उठाई जाने लगी। इस दौरान शिकागो के हेय मार्केट में एक बम ब्लास्ट हुआ था।

इस हालात से निपटने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, जिसमें 7 मजदूरों की मौत हो गई थी। इसके बाद साल 1889 में पेरिस में अंतरराष्ट्रीय  महासभा की दूसरी बैठक में फ्रेंच क्रांति को याद करते हुए एक सुझाव  पास किया गया। इस सुझाव के तहत इसे इंटरनेशनल मजदूर दिवस के रूप में मनाए जाने की बात कही गई। इतना ही नहीं इस सुझाव के पारित होते ही अमेरिका में सिर्फ आठ घंटे ही काम करने की अनुमति दे दी गई। मजदूर दिवस को सुभ अवसर के रूप में पहली बार अमेरिका में पाच सितंबर 1882 को मनाया गया था।

इसी तरह ऑस्ट्रेलिया की टेरिटरी वाले न्यू साउथ वेल्स और साउथ ऑस्ट्रेलिया में मजदूर दिवस अक्टूबर के पहले सोमवार को मनाया जाता है। मजदूर वर्ग इस दिन बड़ी-बड़ी रैलियों का आयोजन करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन द्वारा इस दिन पर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। किसी भी देश की तरक्की उस देश के किसानों तथा कामगारों पर निर्भर होती है। मजदूर वर्ग के लिए आज का दिन बेहद खास होता है|  क्योंकि कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी, यूँ ही कोई “मजदूर” नहीं होता….

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