गर्मियों में अपने डॉग का इस तरह रखे “विशेष ध्यान”…

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देश/विदेश (जनमत) :- कहते हैं कि इंसान का सबसे वफादार दोस्त एक कुत्ता ही होता है, यह बात वह लोग भली भांति जानते हैं जिन्होंने कभी कुत्ता पाला हैं.| गर्मियां आ गई हैं और इस मौसम में आपके वफादार दोस्त यानी प्यारे डॉग को खास देखभाल की जरूरत है। कैसे करोगे उसकी केयर, बता रही हैं पशुचिकित्सक डॉ प्रियंका तिवारी और डॉ हेमंत कुमार (वेटरनरी सर्जन) l  डॉग को गर्मियां जरा भी नहीं भातीं। इसका कारण ये है कि पालतू जानवरों के शरीर का तापमान हम इंसानों के शरीर से ज्यादा होता है। इसलिए इनके लिए गर्मियां काफी तकलीफ वाली होती हैं।

आपको बता दे कि कुत्ते अपनी त्वचा के माध्यम से पसीना नहीं करते हैं जैसा कि मनुष्य करते हैं| डॉगी के शरीर पर पसीना नहीं आता है। गर्मी से खुद को बचाने के लिए ये जीभ निकालकर सांस लेते हैं, इस प्रकिया को पैंटिंग कहते हैं । कुत्तों की कुछ खास नस्लों को गर्मी कुछ ज्यादा ही लगती है। उन्हें गर्मी के मौसम में ओवरहीटिंग की समस्या होती है जैसे- ब्रेकीओसिफैलिक प्रजाति के बुलडॉग, बोस्टन टेरियर्स, शिह त्ज़ुस, चिहुआहुआ, चाउ चाउ, पेकिंगेज़, ल्हासा एप्सो, बुल मास्टिफ़्स, पग, और पेकिंगीज ब्रीड को एयरकंडीशनर में रखना बेहद जरूरी होता है। इस तरह के पपी और डॉग्स को ठंडे रूम में रखना चाहिए, नहीं तो गर्मियों में इनकी तबियत बिगड़ सकती है।

वहीँ  घने बालों (फर) वाले कुत्ते- साइबेरियन हस्की, बर्नीसी माउंटेन, अलास्कन मालाम्यूट ब्रीड आदि घने बालों वाले कुत्ते है l कुत्तों का फर इन्सुलेशन की तरह काम करता है, और इस तरह गर्मियों में उन्हें ठंडा रखता है और सर्दियों में उन्हें गर्म रखता है, लेकिन इसका मतलब है कि वे छोटे बालों वाली नस्लों की तुलना में तेजी से गर्म होते हैं।ब्लैक हेयर कोट डॉग – काले कुत्तों में प्रकाश (ऊष्मा ) का अवशोषण होता है जबकि हल्के रंग या सफ़ेद रंग के कुत्तों में प्रकाश का रिफ्लेक्शन होता है| जिससे ये  काले फर वाले कुत्तों की अपेक्षा कम गर्मी का अनुभव  करते हैं l  इसलिए काले बाल वाले कुत्तों में हीटस्ट्रोक का खतरा गर्मियों मे अधिक रहता है, अगर कुत्तों की नस्लों कि जाए तो विदेशी मूल की नस्ल के कुत्तों को गर्मी ज्यादा लगती है। जर्मन शेपर्ड, लेब्राडोर, पग आदि विदेशी नस्ल के कुत्तों को गर्मियों का मौसम ज्यादा प्रभावित करता है, इसलिए इस मौसम में इन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

                                                   

 

*धूप से बचाएं* 

यदि डॉग खुले में रहता है तो उसे धूप में न रहने दें, उसे छायादार स्थान पर ही रखें। जहां तक हो सके डॉग को सीधी धूप से बचाएं। यदि डॉग को गर्मी ज्यादा लग रही है तो उसके शरीर को ठंडे पानी से गीला कर सकते है। ऐसा करने से उसके शरीर का तापमान कम होगा और उसे गर्मी से राहत मिलेगी। यदि आपका डॉगी विदेशी नस्ल का है तो दिन के समय उसे घर के अंदर कूलर या एसी में ही रखें। खड़ी या रुकी गाड़ी में ज्यादा देर के लिए कुत्तों को मत रखें। इससे उनके दिमाग को नुकसान पहुंचता है। कई बार इस तरह ज्यादा गर्मी की वजह से उनकी मौत भी हो सकती है, क्योंकि गर्मियों में कुत्ते कम खाते हैं और अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए ऊर्जा ज्यादा नष्ट कर देते हैं।

 

*कुत्तों को सुबह या शाम को ही घुमाने ले जाए*

कुत्तों को गर्मियों में  टहलाने के लिए हमेशा सुबह और शाम का वक्त ही चुनें। सूरज चढऩे के बाद उसे घुमाने न ले जाएं। यदि आपका डॉग हांफने लगे या उसके मुंह से झाग आने लगे तो समझ जाइए की उसे गर्मी या लू का असर हो गया है। इस स्थिति में उसे वेटरनरी डॉक्टर के पास ले जाएं। यदि आपके डॉग के शरीर पर ज्यादा बाल हैं तो उन्हें गर्मीयों के मौसम में समय-समय पर काटवाते रहें। छोटे बालों में गर्मी कम लगती है। ऐसा करने से उसकी स्किन पर पनपने वाले बैक्टिरिया और परजीवी से भी उसे बचाया जा सकता है।

 

गर्मियों में डी-हाइड्रेशन से बचाएं 

गर्मियों में डॉग को हीट स्ट्रोक  लगने की संभावना सबसे ज्यादा होती है, जिससे इनमें डी-हाइड्रेशन  डिवेलप हो जाता है। इसे सामान्य भाषा में हम लू लगना कहते हैं। गर्मियों में डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने के लिए डॉग के पास हमेशा पानी रखा रहना चाहिए, जिससे वह समय-समय पर पानी पी सके। गर्मीयों के मौसम में दिन के समय डॉग को दिए जाने वाले पानी में थोडा इलेक्ट्रॉल और ग्लूकोज भी मिला दें, ये डॉग को डी-हाइड्रेशन से बचाने में मदद्गार साबित होगा। इसके अलावा डॉग को दिन के समय छायादार, ठंडे स्थान पर ही रखें।न्यू बोर्न पपी को गाय के दूध से एलर्जी भी हो सकती है। पाउडर वाला दूध पपी को देते समय उसमें उबला हुआ या डिस्टिल्ड वॉटर का ही इस्तेमाल करना चाहिए । जरा सी लापरवाही से पपी को लूज मोशंस हो सकते हैं।

 

डॉग को बहुत देर तक धूप में मत रहने दें । अगर डॉग खुले में रहता है तो इस बात का ध्यान रखें कि वह छाया में ही रहे और उसे भरपूर पानी मिले।गर्मियों में डॉग को रोजाना नहलाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि डॉग को शैंपू रोजाना मत करें और जिस भी शैंपू का इस्तेमाल करें उसे वेटेरिनरी डॉक्टर से पूछकर करें । यदि डॉग उल्टी करता है या फिर वह थका हुआ लगता है तो उसे वेटेरिनरी डॉक्टर के पास ले जाएं।

 

  POSTED BY :- AMBUJ KUMAR MISHRA 

CORRESPONDENT, JANMAT NEWS,

UTTAR PRADESH.