योगी सरकार में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़े आवास योजना के पात्र लाभार्थी

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एक्सक्लूसिव न्यूज़(जनमत):- उत्तर प्रदेश सरकार भले ही सबके साथ न्याय कर सबका विकास किए जाने का दम भर रही हो। मगर जमीनी हकीकत कुछ अलग ही दिख रही है। जहां आज भी ग्राम प्रधानों के उपेक्षा के शिकार पात्र लाभार्थी प्रधानमंत्री आवासों से वंचित रह कर टूटी- फूटी झोपड़ियों में निवास कर रहे हैं, और जिन्हें आवास मिले हैं वो अब प्रधान व पंचायत मित्र पर रुपये लेने का आरोप लगा रहे है।  उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के भिटौरा ब्लाक की कई ग्राम पंचायतों में पात्र लाभर्थियों द्वारा पंचायत मित्र व प्रधान पर रुपये लेने का आरोप लगाया जा रहा है।

आरोप कितना सही है ये तो लाभार्थी और लेने वाला ही जाने पर अगर आवास के नाम पर रुपये लिए जा रहे हैं तो गरीबों के लिए ये सरकार की योजना पर बदनुमा दाग है। ऐसा ही मामला भिटौरा ब्लाक के चित्तिसापुर ग्राम सभा का है। जहाँ लाभार्थी  गिरधारी पुत्र गेंदाप्रसाद की पत्नी ने आरोप लगाया की पंचायत मित्र का पति सर्वेश उनसे जबरजस्ती 8000 रुपये आवास दिलाने के लिए ले लिया है। वही चित्तिसापुर के मजरे शाहपुर कुड़ईया के सियाराम पुत्र बद्री ने भी पंचायत मित्र के पति पर आवास के लिए 15000 रुपये लेने का आरोप लगाया है। टूटी-फूटी झोपड़ियों में रहने को मजबूर इन गरीबो से आवास के नाम पर पंचायत मित्र के पति द्वारा रुपये लेना सरकार की जनहितकारी योजना पर कलंक लगाने के बराबर है।

वहीं इस संबंध में चित्तिसापुर के ग्रामप्रधान का कहना है कि पंचायत मित्र का पति आवासों के नाम पर पैसे लिया है या नही इस बात की उनको कोई जानकारी नही है, और इस संबंध में जब क्षेत्र के सीक्रेटरी से पूछा गया तो उनका कहना है कि इससे उनका कोई लेना देना नही है। प्रदेश व केन्द्र सरकार द्वारा गरीबों व आवास विहीन पात्र लाभार्थियों के लिए चलाई जा रही निशुल्क प्रधानमंत्री आवास योजना को भिटौरा ब्लाक के कुछ प्रधानों व अधिकारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। जहां पर चहेते पात्रों को किसी तरह मशक्कत कर व उनसे धन उगाही कर पात्र घोषित कर आवास दे दिए जाते हैं।

परंतु आवास योजना के पात्र लाभार्थी आज भी दर-दर की ठोकरें खाकर मिट्टी के बने टूटे-फूटे कच्चे मकानों व झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। सूत्रों की माने तो यदि दिए गए आवास लाभार्थियों की निष्पक्ष जांच करा ली जाए तो ग्राम के जिम्मेदारों ग्राम प्रधान, पंचायत मित्र, ग्राम पंचायत सचिव से लेकर ब्लॉक के अधिकारियों की पोल खोली जा सकती है। एक तरफ जहा सरकार की महत्वकांक्षी योजना भ्रष्टाचार की भेट चढ़ रही है वही दूसरी तरफ़ जनता के प्रतिनिधि और सरकार के नुमाईंदे सरकार की सांख पर बाट लगा रहे है| जिससे सरकार के भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन हवा हवाई साबित हो रहे है|

Posted By:- Amitabh Chaubey