Happy Fathers Day: मुझे रख दिया छांव में खुद जलते रहे धूप में…

JANMAT VICHAR देश – विदेश

जनमत विचार(जनमत):हमारे जीवन में हमारे पिता का उतना ही महत्व होता है जितना माता का है| वे हमारी रोजाना की जरुरत को पूरा करने के लिए और हमे खुश रखने के लिए दिन और रात एक करके काम करते है| वे अपने बच्चो के लिए ज़रूरत की हर वो चीज़ लाते है जिनसे उन्हें ख़ुशी मिले| पिता के लिए अपने बच्चो की ख़ुशी ही उनका सुख होता है| वे अपने बच्चो की ख़ुशी और सुख के लिए अपना सुख त्यागने को तैयार हो जाते है|

आज भी मेरी फरमाइश कम नहीं होती,
तंगी के आलम में भी, 
पापा की आँखे कभी नम नहीं होती….!!

हमें मां की तरह पिता का प्‍यार दिखाई नहीं देता, लेकिन पिता ही ऐसा शख्‍स है जो हमें दुनिया में अच्‍छे बुरे का एहसास करवाता है। पापा को प्यार जताने के लिए पूरी जिंदगी कम है| बावजूद इसके हर साल जून के तीसरे संडे को फादर्ड डे मनाया जाता है। बता दें कि दुनिया में पहली बार फादर्स डे, वर्जीनिया के फेयरमोंट में 5 जुलाई 1908 को मनाया गया था। 1907 में 6 दिसंबर के दिन एक खान दुर्घटना में 362 पिताओं की जिंदगी चली गई थी, जिसके बाद ग्रेस क्लेटन ने एक खास दिन का आयोजन किया, जिसे फादर्स डे कहा गया। तभी से इस दिन को फादर्स डे के रूप में मनाया जाने लगा।

प्यारे पापा सच्चे पापा बच्चों के संग बच्चे पापा
करते हैं पूरी हर इच्छा मेरे सबसे अच्छे पापा

ये दिन खास  फादर को अपना प्यार दिखाने और उन्हें स्पेशल महसूस कराने का होता है| वह पिता ही है जो बच्‍चों को जीने का ढंग सिखाता है। हम हर साल फादर्स डे मनाते हैं और पिता के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं। 1924 में अमेरिकी राष्ट्रपति कैल्विन कोली ने फादर्स डे पर अपनी सहमति दी। फिर 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जानसन ने जून के तीसरे रविवार को फादर्स डे मनाने की आधिकारिक घोषणा की। 1972 में अमेरिका में फादर्स डे पर स्थायी अवकाश घोषित हुआ। भारत में भी धीरे-धीरे इसका प्रचार-प्रसार बढ़ता जा रहा है। इसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढती भूमंडलीकरण की अवधारणा के परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा सकता है और पिता के प्रति प्रेम के इजहार के परिप्रेक्ष्य में भी।

मंजिल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटी सी जिन्दगी की फिकर बहुत है,
मार डालती ये दुनिया कब की हमे,
लेकिन पापा के प्यार में असर बहुत है !

पिता अपने बच्चों की देखभाल के लिए अपना सब कुछ त्याग देते हैं इसके बावजूद उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान ही रहती है और बच्चे की हर ख्वाहिश पूरी करने में उन्हें सबसे ज्यादा खुशी मिलती है। यही वो दिन और मौका है जब आप पिता के प्रति अपने प्यार को दिखाकर उन्हें यह बता सकते हैं कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं। हर बच्चे के लिए उसका पहला हीरो पिता ही होता है| बच्चे चाहे जितना भी बड़े हो जाये पिता के साए तले रह दुनिया जितने का भरोसा रखता है| एक माँ की तरह ही पिता भी बच्चों के जीवन मै अहम योगदान देता है|

नसीब वाले हैं जिनके सर पर पिता का हाथ होता हैं
ज़िद पूरी हो जाती हैं सब गर पिता का साथ होता हैं|

पिता वह नींव होते हैं जिस पर पूरे परिवार का भवन टिका होता है। बच्चों की परवरिश से लेकर उनकी ख़्वाहिशों को पूरा करने तक की ज़िम्मेदारी एक पिता के कंधे पर होती है। वह भी बिना स्वार्थ के लगातार रोज़ी के लिए दौड़ते हैं जिससे उनके बच्चे किसी जगह थमकर ज़िंदगी को महसूस कर सकें। पिता हमारे जीवन की मजबूत नींव रखते हैं। दुनिया से लड़कर कैसे अपना मुकाम  हासिल करना है यह हौसला हर पिता अपने बच्चों को देने की कोशिश करता है।

मुझ को छाँव में रखा और ख़ुद वो जलता रहा
मैंने देखा इक फ़रिश्ता पापा की परछाईं में

पिता लोग ख़ामोशी से हमारी सारी ख़्वाहिशें पूरी करते चले जाते हैं और हमें इसका एहसास तक नहीं होता| साथ ही हम उनकी ज़रूरत में उनके साथ हो न हो, पर वो हर मुश्किल में हमारे आस-पास होते हैं| अरे वो पिता ही तो है, जिसकी डांट में भी प्यार छिपा होता है| एक पिता अपने बच्चों से धन-दौलत नहीं, बल्कि समय चाहता है| एक पिता के लिए सबसे सुखद बात ये होती है कि उनके बच्चे कुछ पल उनके साथ सुकून से बिताएं| पर आजकल हम इंटरनेट की दुनिया में इतने बिज़ी हो गये हैं कि पास हो कर भी उन्हें समय नहीं दे पाते|

मेरी रब से एक गुज़ारिश है,
छोटी सी लगानी एक सिफारिश है,
रहे जीवन भर खुश मेरे पापा
बस इतनी सी मेरी ख्वाहिश है|

पिता आज बच्चों के लिए अभिभावक भी हैं और दोस्त भी। दोस्त की तरह वे बच्चों के साथ मस्ती तो करते ही हैं, पढ़ाई में भी उनकी मदद करते हैं। वह पापा जो सुबह मम्मी के साथ सिर्फ इसलिए उठते हैं, ताकि बच्चों को समय पर स्कूल भेज सकें। अब वे अपने बच्चों से दूर नहीं भाग रहे, बल्कि उनके साथ समय बिता रहे हैं और उनकी परवरिश से जुड़े तमाम कार्यों में अपनी भूमिका तय कर रहे हैं। जिन बच्चों की परवरिश में माता और पिता दोनों शामिल रहते हैं उनका बेहतर विकास होता है।

मुझे मोहब्बत है अपने हाथों की सब लकीरों से
ना जाने पापा ने कौनसी ऊंगली को पकड़कर चलना सिखाया था|

जो बच्चे पिता के लालन-पालन में बड़े होते हैं, वे भावनात्मक रूप से बहुत मजबूत हो जाते हैं। उनका आत्मविश्वास ज्यादा मजबूत होता है, तो सामाजिक तौर पर भी ऐसे बच्चे ज्यादा सक्रिय होते हैं। कहते हैं मां के चरणों में स्वर्ग होता है, मां बिना जीवन अधूरा है लेकिन अगर मां जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, मां बिना जीवन अधूरा है तो पिता बिना अस्तित्व अधूरा। जीवन तो मां से मिल जाता है लेकिन जीवन के थपेड़ो से निपटना तो पिताजी से ही आता है, जिंदगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पड़े और कहां नहीं.. ये समझाने का काम पिता ही करते हैं|

मेरी पहचान है आप से पापा क्या कहूं
आप मेरे लिए क्या हो रहने को है पैरों के नीचे ये जमीन
पर मेरे लिए तो मेरा आसमान आप हो…


अमिताभ चौबे
chaubeyamitabh0@gmail.com