महाराष्ट्र की राजनीती में ज़ारी है “घमासान”….

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देश/विदेश(जनमत) :- महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर ऐसा लगता है कि अभी इस राज्य को एक स्थिर सरकार के लिए और लम्बा इंतज़ार करना पड़ेगा क्योंकि कभी लगता है कि सब ठीक है तभी बात हाथ से निकलने लगती है और सब बिखरा सा महसूस होने लगता है, हालाँकि इस सब के बीच सरकार बनाने के लिए बीजेपी किसी प्रकार की जदोजहद में नहीं नज़र आ रही है. वहीँ सरकार गठन को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बयान ने हलचल मचा दी है। दिल्ली में सोनिया गांधी के साथ बैठक करने पहुंचे शरद पवार ने कहा कि भाजपा-शिवसेना से पूछा जाना चाहिए कि महाराष्ट्र में सरकार कैसे बनेगी। हमने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था इसलिए आज बैठक करने जा रहे हैं। वहीँ इस बयान से ऐसा लगता है कि मानो सरकार बनाने के दावे के बीच सब कुछ ठीक नहीं चला रहा है.

इसी के साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार गठन पर संशय के बादल और गहरे हो गए हैं। महाराष्ट्र में सरकार गठन पर छाए संशय के बादल आज होने वाली कांग्रेस-एनसीपी की बैठक में छंट सकते हैं। माना जा रहा है कि शिवसेना को समर्थन देने की घोषणा पर अंतर्विरोध कांग्रेस और एनसीपी से अलग विचारधारा का होना बताया जा रहा है। वहीं शिवसेना ने भी माना है कि राज्य में गठबंधन के बीच विचारधारा रोड़ा बन रही है।  दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ चर्चा है कि तीनों पार्टियों यानी शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के बीच मंत्रालयों को लेकर न्यूनतम साझा पत्र तैयार हो चुका है। बैठक करेंगी। इसके बाद ही महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर तस्वीर साफ हो सकेगी। यह बैठक शाम पांच बजे प्रस्तावित है जिसमें शामिल होने के लिए शरद पवार दिल्ली पहुंच चुके हैं।सूत्रों के अनुसार, पवार और सोनिया के बीच बैठक के बाद राज्य में नई सरकार के गठन के बारे में अंतिम मुहर लग सकती है। हालाँकि राजनीती में कभी भी कुछ भी हो सकता है और सरकार गठन को लेकर कोई भी बात कहे जाना फिलहाल जल्दबाजी होगी.

Posted By :- Ankush Pal