मथुरा(जनमत):- देश में अपनी तरह का पहला और एक अनोखा स्मारक बनाया गया है। उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थापित यह स्मारक पूरी तरह से हाथियों के लिए समर्पित है और ये उन हाथियों की यादगार में बनाया गया है जो रेस्क्यू कर लाये गए थे। इनका इलाज किया गया लेकिन बदकिस्मती के चलते इलाज कर रहे डॉक्टर इन हाथियों को नहीं बचा पाए जिसके चलते उनकी मौत हो गई थी। दरअसल देव नगरी मथुरा में पिछले दस सालो से हाथियों के संरक्षण और संरक्षित के एक संस्था काम कर रही है। इसके द्वारा मथुरा के फरह हाथी रेस्क्यू सेंटर में ऐसे हाथियों को लाया गया था जो किसी न किसी कारण के चलते गंभीर रूप घायल थे।
डाक्टर और संस्था के लोगो के द्वारा घायल हाथियों की भरपूर देखभाल की गई लेकिन इनको बचाया नहीं जा सका। अब इनकी याद में यहाँ पर हाथी स्मारक बन चुका है। वाइल्ड लाइफ एसओएस हाथी संरक्षण केंद्र के मैनेजर नरेश कुमार के मुताबिक हाथियों के लिए बनने वाला यह स्मारक देश का पहला स्मारक है। यहाँ पर देश के विभिन्न जगहों से बचाए गए 23 हाथी मौजूद हैं जिनका इलाज किया जा रहा। मेमोरियल के बारे में नरेश कुमार ने बताया कि इसे उन हाथियों की याद में बनाया गया है जिनको रेस्क्यू किया गया था लेकिन इलाज के बावजूद भी उनको नहीं बचाया जा सका। इस अनोखे सेंटर की खासियत भी खूब है।
हरी – भरी वनस्पतियो से भरे यहाँ पर चारो और खुला मैदान है जो हाथियों को जंगल का सुखद अहसास भी दिलाती है। हैरान करने वाली बात यह भी है कि जिस जमीन पर हाथी रेस्क्यू सेंटर है वह निजी तौर पर किराए पर ली गयी है। यूपी या केंद्र सरकार से जमीन के लिए संस्था को कोई भी मदद नही दी गयी है। गाँव के ही एक किसान ने अपनी बंजर जमीन संस्था को उपयोग के लिए बिना किसी शर्त पर दी थी । पूरी संस्था विदेशी सहयोगियों द्वारा दिये जा रहे डोनेशन पर इन हाथियों की देखभाल में लगी हुई है। भारत सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार का विशेष फंड इस संस्था को उपलब्ध नही कराया गया। यह जरूर है कि सरकार से यहां देश भर में काम करने के लिए mou साइन किया हुआ है। संस्था का हर कर्मचारी और अधिकारी इन हाथियों को अपना प्यार और परिवार समझ कर इनकी नियमित देख – रेख करता है।