आज दुनियाभर में मनाया जा रहा 5वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

देश – विदेश

देश विदेश(जनमत): विश्वभर में आज 5वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत साल 2015 में की गई थी। भागदौड़ भरी इस जिंदगी में लोगों के पास अपनी सेहत बनाने और स्वस्थ रहने का भी समय नहीं रह गया है। हमारी बदलती  हुए लाइफस्टाइल ने जितनी तेजी से हमारी सुविधाओं को बढ़ाया है, उतनी ही तेजी से हमें कई तरह की बीमारियां भी दी हैं। लोग स्वस्थ रहने के लिए फिर हमारी  पुरानी संस्कृति योग को अपना रहे हैं। 27 सिंतबर 2014 को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग के फायदों पर प्रकाश डाला था। यूएन में भारत के राजूदत रहे अशोक मुखर्जी ने भारत की तरफ से विश्व योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा और 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 193 सदस्यों ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

ताकि लोग योग को अपनाए और स्वस्थ रहें। थायरॉइड, बीपी और शुगर जैसी कई बीमारियों से बचने के लिए लोग अब योग को अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। रोज करीब 20 मिनट के योग करने से लोग स्वस्थ रह सकते हैं। महिलाये अपनी फिटनेस को  लेकर जागरूक हो रही हैं। और उनका रुझान योग के प्रति बढ़ता जा रहा है। भारत के एक नहीं बल्कि हर शहर और गांव में आज योग दिवस पर विशेष आयोजन किए गए हैं वहीं दुनिया में भी इसे लोग बेहद अनोखे तरीके से मना रहा है। “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है।

हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। वही पिछले साल योग दिवस पर देश के प्रधानमंत्री मोदी ने 55 हजार लोगों के साथ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में योगासन किया था| जहा बड़े शहरों में आज कल युवाओं का ज्यादा से ज्यादा समय ऑफिस में बीत रहा है। वही बढ़ते तनाव और काम के दबाव में स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सारी परेशानियां सामने आ रही हैं। योग में कुछ आसन ऐसे हैं जो सामान्य तौर पर आप बैठे-बैठे किसी भी समय आसानी से कर सकते हैं। आप अपने ऑफिस में हो या फिर घर पर हो बस  3 से 5 मिनट का समय  निकालकर इन आसनों के जरिए आप खुद को तनाव और थकान से दूर रख सकते हैं। हिन्दू धर्म में साधु, संन्यासियों व योगियों द्वारा योग सभ्यता को शुरू से ही अपनाया गया था|

वर्तमान में योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में और साथ ही दुनिया भर में हर साल इस दिन के लिए कई मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली विकसित करने के लिए चुने हुए योग आसनों का नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। हमें अपने बच्चों को योग के लाभों को बताने के साथ ही उन्हें योग का नियमित अभ्यास भी कराना चाहिए। योग एक प्राचीन कला है जिसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 6000 साल पहले हुई थी। पहले समय में, लोग अपने दैनिक जीवन में योग और ध्यान, पूरे जीवन भर स्वस्थ और ताकतवर बने रहने के लिए किया करते थे। योग के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरों के द्वारा दी जाने वाली समस्याओं और तनावों को गायब कर सकता है।

यह शरीर, मस्तिष्क और प्रकृति के बीच में आसानी से संपर्क स्थापित करने में हमारी सहायता करता है। पहले के समय में बौद्ध तथा हिन्दू धर्म से जुड़े लोग योग और ध्यान का प्रयोग करते थे। योग कई प्रकार के होते हैं  जैसे- राज योग, जन योग, भक्ति योग, कर्म योग, हस्त योग। आमतौर पर हस्त योग के अन्तर्गत बहुत से आसनों का भारत में अभ्यास किया जाता है। ‘ग्लोबल हेल्थ एंड फॉरेन पॉलिसी’ के एजेंडे के तहत अपनाए गए प्रस्ताव में स्वीकार किया गया कि योग स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है और इसके लाभों के बारे में जानकारी का व्यापक प्रसार दुनिया के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होगा।

हम योग से होने वाले लाभों की गणना नहीं कर सकते हैं, हम इसे केवल एक चमत्कार की तरह समझ सकते हैं, जिसे भगवान ने मानव प्रजाति को उपहार के रुप में प्रदान किया है। योग के अनगिनत लाभ हैं, हम यह कह सकते हैं कि योग मानवता को मिला हुआ एक ईश्वरीय वरदान है।

अमिताभ चौबे

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