नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजा

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नई दिल्ली (जनमत ) :-नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजा है | रणदीप सुरजेवाला ने ऐसा दावा किया है | नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया गांधी और राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने नोटिस भेजा है. ऐसा दावा कांग्रेस की तरफ से किया गया है| 

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह दावा किया है|  अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी को 8 जून को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया गया है | वहीं रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वे लोग इस नोटिस से डरेंगे नही झुकेंगे नहीं और सीना ठोक कर लड़ेंगे |

 

सिंघवी ने कहा, ‘ईडी ने 8 जून को राहुल गांधी और सोनिया | ईडी ने 8 जून को राहुल गांधी और सोनिया गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है | सोनिया इस पूछताछ में जरूर शामिल होंगी | राहुल फिलहाल विदेश गए हैं |

अगर वह तबतवापस आ गए तो जाएंगे|  वरना ईडी से और वक्त मांगा जाएगा | जानकारों के मुताबिक, अगर सोनिया और राहुल ईडी के सामने पेश नहीं होना चाहते तो उनके सामने को ऑप्शन हैं | पहला वे नोटिस का जवाब दिये बिना छोड़ सकते हैं |  इस स्थिति में ईडी उनको दोबारा नोटिस भेजेगी

वहीं दूसरा ऑप्शन यह है कि वे इस नोटिस को कोर्ट के सामने चैलेंज करेंप्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने ईडी को घेरा | वह बोले कि पूरी साजिश के पीछे पीएम हैं और ईडी उनकी ‘पालतू’ एजेंसी है | सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सर.सरकार बदले की भावना में अंधी हो गई है |

उन्होंने ईडी के नोटिस को नई कायराना हरकत बताया है |सुरजेवाला ने कहा कि नेशनल हेराल्ड 1942 का अखबार था. उस वउस वक्त ब्रिटिश सरकार ने इसको दबाने का काम किया था. अब मोदी सरकार ईडी का इस्तेमाल करके ऐसा कर रही है |

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने साल 1937 में स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली कंपनी, एसोशिएटेड ज़र्नल्स लिमिटेड को लगभग 10 साल वक्त में, लगभग 100किश्तों में चेक द्वारा अपनी देनदारी के भुगतान के लिए 90 करोड़ रु. की राशि दी |इसमें से 67 करोड़ का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों की बकाय का इस्तेमाल नेशनल हेराल्ड ने अपने कर्मचारियों की बकाया सैलरी देने में किया |

बाकी पैसा बिजली भुगतान, किराया, भवन आदि पर खर्च किया गया |नेशनल हेराल्ड अखबार आय के अभाव में कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं था, इसलिए इसकी एवज़ में असोशिएटेड ज़र्नल्स लिमिटेड के शेयर ‘‘यंग इंडिया’’ को दे दिए गए थे. जो कि कानून में एक ‘‘नॉट फॉर प्रॉफ़िट’’ कंपनी है |इसका मतलब, यंग इंडिया से एक पैसे का न वित्तीय लाभ लिया जा सकता, और न ही इसके शेयर को बेचा जा सकता |

कांग्रेस ने कहा कि ऐसा इसलिए था क्योंकि पार्टी नेशनशनल हेराल्ड, एसोशिएटेड जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडिया को केवल कांग्रेस पार्टी नहीं, बल्कि देश की धरोहर मानते हैं |मतलब यंग इंडिया की मैनेजिंग कमिटी के सदस्य (सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोती लाल वोहरा) थे. ये लोग किसी प्रकार का मुनाफ़ा, डिवीडेंड, तनख़्वाह या कोई वित्तीय फ़ायदा इससे नहीं ले सकते थे | साथ ही मैनेजिंग कमिटी यंग इंडिया के शेयर को भी नहीं बेच सकती |

साल 2013-14 में सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस पार्टी द्वारा नेशनल हेराल्ड को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा कर्ज देने को लेकर एक प्राईवेट कंप्लेंट |अदालत में दायर की, जो आज भी विचाराधीन है | कांग्रेस का कहना है कि याचिका को लेकर झूठ बोला गया.कांग्रेस के मुताबिक, कोर्ट में कुछ नहीं होने पर अब साढ़कोर्ट में कुछ नहीं होने पर अब साढ़े सात साल के बाद ED द्वारा उस प्राईवेट कंप्लेंट के आधार पर केस दर्ज किये गए हैं |

Posted By – Vishal Mishra