आईआईपीएम संस्था के ब्रांड एम्बेस्डर रहे शाहरुख मुश्किल में

Uncategorized

बॉलीवुड (Janmat News): शाहरुख खान एक बार फिर विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। इस बार मामला कोलकाता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट (आईआईपीएम) से जुड़ा है। शाहरुख इस संस्था के ब्रांड एम्बेसडर रहे हैं जो बिना यूजीसी सर्टिफिकेट के चल रही है।

बेटे का एडमिशन करवाने दिए थे 25 लाख: मामला तब सामने आया जब एक स्टूडेंट के पैरेंट्स ने इंस्टीट्यूट के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिन्होंने अपने बेटे का एडमिशन करवाने के लिए 25 लाख रुपए दिए थे। जिसके बाद कोर्ट ने राज्य और सीबीआई से इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था।

शाहरुख से क्यों नहीं हुई पूछताछ : न्यूज वेबसाइट डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, सुनवाई करते हुए जस्टिस देबांग्शु बासक ने यह भी पूछा है कि शाहरुख खान को इस मामले की जांच में शामिल क्यों नहीं किया गया है, जो कि इस संस्थान के ब्रांड एम्बेस्डर थे। याचिका के अनुसार शाहरुख को संस्था का प्रमोशन करते हुए देखकर ही उन्होंने इस संस्थान में दाखिला लिया था। वकील दीपांजन दत्त ने मांग की थी कि बतौर ब्रैंड एम्बेसडर शाहरुख की भूमिका की जांच हो।

हलफनामा दायर करने का आदेश: इसके अलावा, कलकत्ता अदालत ने सीबीआई को 2 सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर करने के लिए कहा है कि वे आईआईपीएम में शाहरुख खान की भूमिका की जांच करना चाहते हैं क्योंकि वह उस संस्था का ब्रांड एम्बेसडर था जो बिना किसी यूजीसी पंजीकरण के चल रहा था। राज्य को भी एक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा गया है।

3 साल पहले मान्यता हो चुकी है रद्द : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जनवरी, 2016 में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में लिखा था- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लानिंग एंड मैनेजमेंट बीबीए/बीसीए/एमबीए की डिग्री सहित किसी भी यूजी या पीजी डिग्री देने का हकदार नहीं है और न ही इसे यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त है।”