और..मौत की नींद सो गया किसान…

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उत्तर प्रदेश – जनपद – अमेठी:- केंद्र या राज्य सरकार गरीबी उन्मूलन से संबंधित कई योजनायें संचालित कर रही है गरीबों के नाम पर पानी की तरह रुपया बहाया जा रहा है, लेकिन सरकार की नीति और नियत में अंतर होने के कारण आर्थिक तंगी से कई गरीब या तो दम तोड़ दे रहे है या आत्महत्या करने पर विवश है।घटना शुकुल बाजार थाना क्षेत्र के गंज गड़ौली महोना गांव की है गांव निवासी अयोध्या पासी (65) पुत्र मोहन पासी बीते रविवार की सुबह करीब 4 बजे शौच के लिए घर से निकला था कुछ घण्टे बाद ही उसका शव गांव के बाहर स्थित बाग में एक पेड़ से रस्सी के सहारे लटकता मिला.

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 यह सूचना गांव में तेजी के साथ फैली बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ ही परिवारीजन भी मौके पर पहुंचे वारदात की सूचना पुलिस को दी गई ततपश्चात पंचनामा के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया घटना से परिवारीजन जहां स्तब्ध हैं,वहीं ग्रामीणों में तरह-तरह की चर्चाओं का माहौल गर्म है ।ऐसे में अहम सवाल उठता है कि आखिर देश के किसान आत्महत्या पर क्यों उतारू हो रहे हैं? उन के दर्द और परेशानियों को आजादी के दशकों बाद तक दूर नहीं कर पाना हमारी आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक नीतियों पर सवालिया निशान लगाता है ।