गुजरात के ऊना दलित काण्ड से भी वीभत्स है यूपी की यह घटना

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सिद्धार्थनगर(जनमत). गुजरात के ऊना में दलित काण्ड की घटना के बाद उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में भी दलितों को बुरी तरह से पीटने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रौंगटे खड़े कर देने वाली घटना थाना खेसरहा इलाके की है। 9 मई को टिकुइया गांव में दलित समुदाय के लोगो को बंधक बनाकर दबंगो द्वारा बेरहमी से पीटा गया था। आरोप है कि सत्ता पार्टी के कथित नेताओ ने अपने गुर्गो के साथ मिलकर दलितों को  बंधक बनाकर उनकी बर्बरता पूर्वक पिटाई की थी।

आरोप है कि सत्ता पार्टी के दबाव में स्थानीय पुलिस ने शुरू में दबंगो के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। स्थानीय सपा नेताओ ने जब इस मामले में पैरवी की तभी आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन लोगो को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि मुख्य आरोपी सत्ता पार्टी का कथित नेता अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर है। गुजरात के ऊना में 4 दलितों को बंधक बनाकर पीटने की घटना शायद ही कोई भूल पाया हो। इस घटना के बाद दलितों को लेकर तमाम राजनीति हुई थी। एक दूसरे पर गंभीर आरोप भी लगाए गए थे। इस तरह की घटना दोबारा न हो इसके लिए तमाम दावे किये गए थे। बावजूद देश के कोने – कोने से दलित उत्पीड़न की घटना सामने आई। अब एक और दलित उत्पीड़न की घटना सभ्य समाज के मुँह पर जोरदार तमाचा मारा है।

यहाँ पर दलित उत्पीड़न की जिस घटना का जिक्र किया जा रहा है वह यूपी में सिद्धार्थनगर के थाना खेसरा इलाके की है। यहाँ 9 मई को ग्राम कपियवा टोला टिकुइया में दबंगो ने दलित समुदाय के लोगो पर जमकर कहर बरपाया। पीड़ित दलितों के शरीर पर पड़े यह गहरे जख्म के निशान दबंगो की  बर्बरता बताने के लिए काफी है। जनपद की पुलिस द्वारा दी गई जानकरी के मुताबिक रास्ते की जमीन के विवाद में दबंगो ने गांव के ही दलित समुदायों को बंधक बनाकर उनकी बड़ी बेरहमी से पिटाई की थी।

इस घटना मे तहरीर के आधार पर पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ नामजद मुदकमा दर्ज किया था। दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस ने 15 को तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। हालांकि स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक एक कथित भाजपा नेता ने अपने गुर्गो के साथ ग्रामीण बुजुर्ग, महिलाओ और नौजवानो को नंगा कर बेरहमी से उनकी पिटाई की थी। पीड़ितों के शरीर पर पड़े घहरे जख्मो के निशान इस बात की तस्दीक भी कर रहे है।

आरोप है कि शुरू में पुलिस ने कथित भाजपा नेता के दबाव में उनके आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने से कतरा रही थी। बाद में स्थानीय सपा नेताओ द्वारा मामले में पैरवी किये जाने के बाद घटना ने तूल पकड़ना शुरू किया तब जाकर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आनन – फानन में मुकदमा दर्ज कर कथित भाजपा नेता के तीन गुर्गो को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपी अभी पुलिस की पकड़ से दूर ही है। जिस बेरहमी से दलितों को पीटा गया है उससे यह साफ है कि दबंगो को यहाँ पुलिस का तनिक भी खौफ नहीं रहा। यही वजह भी है कि यूपी में सरकारी संरक्षण में फल फूल रहे दबंगो का इस तरह का कहर लगातार जारी है।