तहसीलदार के न्यायालय में फर्जीवाड़ा का बोलबाला

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बलरामपुर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जिले बलरामपुर के तहसीलदार उतरौला द्वारा दाखिल खारिज के नाम पर एक बड़ा खेल कीये जाने का मामला सामने आया है । मामला तहसील उतरौला का है, जहां पर तैनात तहसीलदार नरेंद्र राम के न्यायालय तहसीलदार न्यायिक में एक      दाखिल खारिज का मुकदमा समा बेगम बनाम हमीदउननिशा चल रहा था । जिसमें दाखिल खारिज के लिए पहले तो वादी प्रतिवादी को तारीख पेशी 13-12-2019 दे दी ।फिर निर्धारित तिथि के पूर्व एक पछ का दाखिल खारिज 6-12- 2019 को ही आदेश पारित कर के अभिलेख में दर्ज करा दिया गया।

मामले का खुलासा होने पर वादी व वादी के अधिवक्ता ओ पी श्रीवास्तव व अधिवक्ता संगठन के लोग जब इस मामले में तहसीलदार उतरौला नरेंद्र राम की शिकायत उप जिलाधिकारी उतरौला से की तो उन्होंने मामले का संज्ञान लेते हुए न्यायालय की पत्रावली मंगवाई और तहसीलदार के सामने वादी मुकदमा के अधिवक्ता और अधिवक्ता संघ के लोगों, व वादी मुकदमा के सामने जांच हुई तो आदेश फर्जी अभिलेख के आधार पर साबित हुआ ।जिसके बाद तहसीलदार उतरौला नरेंद्र राम द्वारा अपने ही किए हुए आदेश को पुनः निरस्त करना पड़ा। और पुनः अभिलेखो में बदल कर ठीक करवाया गया ।

इस मामले के खुलासे से न्यायालय तहसीलदार न्यायिक के विश्वसनीयता पर एक सवालिया निशान लग गया है। जब न्यायालय में फर्जीवाड़ा इस तरह चर्म सीमा पर है । और न्याय देने वाला अधिकारी ही सवालों के घेरे में है। न्यायालय में हुए इस फर्जीवाड़ा पर कोई कारवाई ना हो तो न्याय करने वाला अधिकारी ही सवालों के घेरे में है। इस मामले के खुलासे से और भी वादी प्रतिवादी सकते में आ गए हैं ।अब लोगों में यह चर्चा बना हुआ है कि यदि मौजूदा तहसीलदार के कार्यालय के पत्रावली की जांच कराई जाए तो और बड़ा खुलासा होने की संभावना है । इस मामले पर जब तहसीलदार उतरौला से बात करनी चाही तो वह कुछ भी बोलने से मना कर दिया।

वही बाकी अधिकारी इस मामले में बोलने से कन्नी काटते नजर आ रहे हैं। वहीं जब इस प्रकरण के संबंध में अपर जिला अधिकारी बलरामपुर अरुण कुमार शुक्ल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह मामला आप ही के मार्फत हमारे संज्ञान में आया है जिसके बारे में पूरी जानकारी करके आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।