भारत इस मामले में पाकिस्तान से भी पिछड़ जाएगा

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देश-विदेश (जनमत) :- जहाँ एक तरफ दुनिया  लड़ाकू विमानों के खेमा मजबूत करने में लगी हुई है, वहीँ भारत अपने पडोसी देशो से भी आने वाले दिनों में  पिछड़ता नजर आ रहा है. जो की वास्तव में कहीं न कहीं चिंता का विषय भी है. अगले दो सालों में भारतीय वायुसेना के पास लगभग 26 स्कवाड्रन के लड़ाकू विमान ही शेष रह जाएंगे। जबकि देश को 42 स्कवाड्रन का प्राधिकरण करने की अनुमति है। यदि राफेल और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (तेजस अपने निर्धारित समय पर देश पहुंच भी जाते हैं तब भी यह कमी रह जाएगी।

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वहीँ मिली जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना के पास इस समय लड़ाकू स्कवाड्रन की संख्या 30 है जो 2021 और 2022 में घटकर 26 हो जाएगी जबकि ठीक इसी समय पाकिस्तान की वायुसेना के पास 25 लड़ाकू स्कवाड्रन होंगे जबकि चीन के पास 42 लड़ाकू स्कवाड्रन होंगे। वहीँ भारत की स्थिति पकिस्तान से भी पिछड़ती हुई नज़र आ रही है. वहीँ इस और सरकार को ध्यान देने की ज़रुरत है. चूकी देश की सुरक्षा के साथ ही वायुसेना युद्ध में भी आज के समय निर्णायक भूमिका निभाती है.