योगी सरकार ने पेश किया तीसरा बजट ….

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लखनऊ (जनमत) :- सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार आज अपना तीसरा बजट पेश किया। कैबिनेट की मुहर के बाद विधानमंडल के बजट सत्र के तीसरे दिन आज योगी आदित्यनाथ सरकार ने चार लाख, 79 हजार 701 करोड़, दस लाख रुपया का बजट पेश किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 बजट पेश किया। आज प्रस्तुत बजट का आकार चार लाख, 79 हजार 701 करोड़, दस लाख रुपया(4,79,701.10 करोड़) का है। यह पिछले वर्ष 2018-2019 के बजट के सापेक्ष 12 प्रतिशत अधिक है। इस बार के बजट में 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये (21,212.95 करोड़ रुपया) की नई योजनाएं सम्मिलित हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश सरकार का बजट पेश किए जाने के बाद मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस बार के बजट का आकार पिछले बजट के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा है। बजट में किसान, गरीब, महिलाओं व अल्पसंख्यकों का पूरा ख्याल रखा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की योजनाओं का जनता को पूरा लाभ मिले इसके लिए बजट का प्रावधान किया गया है। यूपी सरकार ने वित्तवर्ष 2019-2020 के लिए बृहस्पतिवार को प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश किया है। इस बजट में धार्मिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी खास ध्यान दिया गया है। बजट में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं। योगी सरकार ने अपने हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा देते हुए अयोध्या, मथुरा व काशी के लिए 462 करोड़ रुपये की योजनाओं का एलान किया है। इसके तहत ब्रज तीर्थ में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 125 करोड़ रुपये, अयोध्या के प्रमुख पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 101 करोड़ रुपये, मथुरा व वृंदावन के मध्य ऑडिटोरियम के निर्माण के लिए आठ करोड़ 38 लाख रुपये, सार्वजनिक रामलीला स्थलों में चारदीवारी निर्माण के लिए पांच करोड़ रुपये, गढ़मुक्तेश्वर के पर्यटक स्थलों के विकास के लिए 27 करोड़ और प्रस्तावित वृंदावन शोध संस्थान के सुद़ढ़ीकरण के लिए एक करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

इसके अलावा काशी में लहर तारा तालाब, कबीर स्थल एवं गुरु रविदास की जन्म स्थली सीर गोवर्धनपुर के साथ ही प्रयागराज में ऋषि भारद्वाज आश्रम का विकास व लखनऊ में बिजली पासी किले का विकास करने का एलान किया है। वहीं, ढ़ांचागत विकास को ध्यान में रखते हुए 3194 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जिसमें पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 1194 करोड़ रुपये, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के लिए 1000 करोड़ और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिए 1000 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के साथ ही डिफेंस कॉरिडोर विकसित करने के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

सरकार ने आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित छह लेन एक्सप्रेस-वे के सुदृढ़ीकरण के लिए 100 करोड़, अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, 2012 के क्रियान्वयन के लिए 600 करोड़, औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2017 के लिए 482 करोड़, औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना 2003 के लिए 120 करोड़ रुपये और औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, 2012 के लिए 180 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।