रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा मे आरती के लिए राजस्थान से 650किलो० शुद्ध देशी, थाइलैंड से मिट्टी, कंबोडिया से हल्दी अयोध्या पहुंची

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अयोध्या(जनमत):- रामनगरी अयोध्या में भगवान रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की आरती के लिए राजस्थान से 650KG शुद्ध देशी, थाइलैंड से मिट्टी, कंबोडिया से हल्दी आज अयोध्या पहुंची। घी को पांच बैलगाड़ी पर लादकर 108 कलश में भरकर पैदल लाया गया है। इनके साथ ही 108 छोटा शिवलिंग भी आया है। इस दौरान पांच बैलगाड़ी के साथ तकरीबन 12 लोग शामिल रहे।राजस्थान से आए लोगों ने कारसेवक पुरम में घी को चंपत राय और ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल मिश्र सौंपा।दरअसल, जोधपुर के बनाड़ के पास जयपुर रोड पर स्थित श्री महर्षि संदीपन राम धाम गौशाला है।

इस गौशाला का संचालन महर्षि संदीपन महाराज के द्वारा किया जाता है। 9 साल पहले महर्षि संदीपन महाराज ने सकंल्प लिया था। उन्होंने कहा था कि अयोध्या में जब भी राम मंदिर बनेगा, उसके लिए शुद्ध देसी गाय का घी वह अपने यहां से लेकर जाएंगे। राम मंदिर में उसी घी से मंदिर की अखंड ज्योत को प्रज्वलित किया जाएगा।वही बैलगाड़ी के साथ आए लोगों ने कहा कि 27 नवंबर यानी सोमवार को जोधपुर से महाराज जी ने बैलगाड़ी को रवाना किया था। हम लोग भगवान का भजन गाते हुए दस दिन में अयोध्या पहुंचे। यहां आकर बहुत अच्छा लगा।राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा, महाराणा प्रताप के क्षेत्र से आज भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा की आरती के लिए घी आया है। जिन गो माताओं के दूध से ये घी बना है।

उन सभी को साल 2017 में जोधपुर में काटने से बचाया गया था। उन सबको बकायदा 9 महीने तक रामचरित मानस का पाठ सुनाया गया। उसके बाद उनके दूध से घी बनाकर 1200KM की यात्रा के बाद अब कारसेवक पुरम अयोध्या लाया गया है।इसके बाद राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए जोधपुर के प्रोफेसर महेंद्र अरोड़ा और जेठाराम माली को याद कर भावुक हो गए।

Reported By:- Azam Khan

Posted By:- Amitabh Chaubey