मुजफ्फरनगर(जनमत):- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भारतीय जनता पार्टी के पूरे कुनबे ने स्वच्छ भारत मुहिम के अभियान को कैसे धार दिया है यह किसी से भी नहीं छिपा। खुले में शौचमुक्त के लिए सरकारी स्तर पर एक अभियान चलाया गया और जिनके घर में शौचालय नहीं थे अब उनके यहाँ शौचालय भी बनकर तैयार हो चुके है। इसका नाम दिया गया है इज़्ज़त घर।
सरकार की ओर से बड़े पैमाने पर इज्जतघर को बनवाने के लिए लोगों को 12 हजार रूपये की धनराशि भी दी गई। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इतना ज्ञान दिया क्यों जा रहा है। हम ही बताते है कि आखिर इस ज्ञान की जरूरत क्यों पड़ी। दरअसल आप जो तस्वीरें देख रहे है वह उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जनपद के खंड विकास मोरना के ग्राम रहकड़ा प्राथमिक विद्यालय नंबर 2 की है। इस सरकारी विद्यालय में खानापूर्ति के लिए शौचालय तो जरूर बने है लेकिन सिर्फ शो – पीस के लिए। विद्यालय के छात्र और छात्राएं इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते है और न ही यह इस लायक भी है।
ऐसा इसलिए है कि विद्यालय के इज्जतघर यानि शौचालय को कूड़ाघर बना दिया गया है और यही वजह है कि यह अब गंदगी के अम्बार में बदल चुका है। हमारी टीम को जब यहाँ की दयनीय स्थिति के बारे में जानकारी मिली तो हमारी एक टीम मौके पर पहुंच गई। पहले तो प्रबंधन द्वारा हमें यहाँ की कवरेज करने से रोका गया लेकिन हम भी अपनी जिद पर अड़े थे और अंदर दाखिल हो गए। मौके पर पहुंची टीम को वह सारी बातें सही मिली जिसकी शिकायत की गई थी।
दरअसल सरकारी विद्यालय में शौचालय तो बने थे लेकिन वह इस्तेमाल करने के लायक नहीं थे। ऐसे में यहाँ पढ़ने वाले छात्र और छात्राओं को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है यह खुद भी समझ में आ जाता है। अब सवाल यह है कि योगी सरकार की फजीहत कराने वाले विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा विभाग से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई भी होती है या फिर ऐसे लोग यू ही सरकार की किरकरी कराते रहेंगे।